देहरादून। मौसम की मार प्रदेश में जारी है। बारिश के साथ भूस्खलन होने से पहाड़ से लेकर मैदान तक जनजीवन की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। रविवार रात से शुरू हुई बारिश का कहर सोमवार सुबह तकजारी रहा। अधिकतर स्थानों पर भारी बारिश हुई है। चारधाम यात्रा मागरे पर भी जगह-जगह मलबा आने, भूस्खलन होने व पहाड़ दरकने से वाहनों की आवाजाही घंटों बाधित रही। देहरादून – मसूरी मार्ग भी मलबा आने से कई घंटे बंद रहा और सड़क के दोनों तरफ वाहन फंसे रहे। गढ़वाल मंडल में 50 से अधिक सड़कें व संपर्क मार्ग पूरी तरह बंद हैं। वहीं कुमाऊं मंडल में भी आसमान से बरसे आफत के मेघों ने कहर बरपाया है। पहाड़ी से भूस्खलन होने व मलबा गिरने के कारण यहां भी कई सड़कें बंद हो गई हैं। टनकपुर-चंपावत मार्ग पर पहाड़ दरकने व बड़े-बड़े बोल्डर गिरने से यातायात को दूसरे मार्ग से डायवर्ट किया गया। वहीं 300 से अधिक वाहन फंसे हुए हैं। बारिश के कारण नदियों व नालों ने रौद्र रूप धारण कर रखा है। तेज बारिश के दौरान नदी किनारे रहने वाले लोग रतजगा करने को मजबूर हुए। ऋषिकेश व हरिद्वार में भी गंगा चेतावनी स्तर के पास बह रही है। इससे गंगा से सटे इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। स्थानीय प्रशासन द्वारा लोगों को अलर्ट किया गया है। रुड़की में भी भारी बारिश होने से आधे से अधिक हिस्सा जलमग्न हो गया है, तेज बहाव में एक बालिका की मौत हो गई। देहरादून व आसपास के मैदानी इलाकों में भी रविवार रात आठ बजे से शुरू हुई झमाझम बारिश सोमवार सुबह तक जारी रही। इस दौरान कई इलाकों में जलभराव हुआ है। रिस्पना व बिंदाल नदी भी उफान पर है। पूर्वाह्न साढ़े दस बजे के बाद बारिश की धार थमने के बाद लोगों को कुछ राहत मिली है।