देहरादून/विलासपुर। आप भले विश्वास न करे, लेकिन यह सच है। विज्ञानियों की टीम को इस जगह पर उत्खनन के दौरान पत्थरों के ऐसे औजार मिले है, जिन्हे एसूलियन संस्कृति का माना जा रहा है।
विज्ञानियों की ओर से 1.76 मिलियन साल के बताये जा रहे ये औजार हिमाचल प्रदेश के विलासपुर जिले में घुमारविन तहसील के शिवालिक क्षेत्र में उत्खनन के दौरान मिले है। मीडिया में चल रही खबरों पर यदि विश्वास किया जाए तो राष्ट्रीय परियोजना ‘शिवालिक रेंज में उत्खनन’ के तहत भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रीय केंद्र के छह सदस्यीय विज्ञानियों का दल हिमाचल प्रदेश की घुमरविन तहसील में कपि मानव रामापिथिकस के साक्ष्य प्राप्त करने के लिए उत्खनन कराने के लिए गया था। रामापिथिकस कपि मानव और मानव के बीच की कड़ी रहे हैं।
बताया जाता है कि विज्ञानियों की टीम को उत्खनन में पत्थरों के यह औजार मिले हैं। शुरुआती उत्खनन में सीरखंड नदी के निकट बुम क्षेत्र के पास पत्ती के आकार के द्विमुखी हेडैक्स प्राप्त हुए हैं। पत्थर के इन औजारों को एसूलियन संस्कृति का माना जा रहा है। एसूलियन संस्कृति का समय 1.76 मीलियन साल पहले रहा है। इतिहास के जानकारों के अनुसार एसूलियन संस्कृति का समय मानव के सांस्कृतिक विकास में अहम कालखंड माना जाता है। ये साक्ष्य मिलने के बाद विज्ञानियों की टीम होमो सैपियंस के उद्भव को समझने और रामापिथिकस की उपस्थिति के और साक्ष्य खोजने में लग गई है।