देहरादून। पंतनगर विविद्यालय में शुक्रवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्या ने समन्वित कृषि एकक (इंटीग्रेटेड फार्मिंग यूनिट) का भ्रमण किया। इस मौके पर कुलपति राजीव रौतेला, डीएम डा. नीरज खैरवाल, एसएसपी डा. सदानंद दाते, सीडीओ डा. अभय सक्सेना के साथ-साथ जिले के प्रशासनिक अधिकारी एवं विविद्यालय के वैज्ञानिक उपस्थित थे। समन्वित कृषि एकक में विविद्यालय के निदेशक शोध, डा. एसएन तिवारी, अधिष्ठाता कृषि डा. जे. कुमार एवं अन्य वैज्ञानिकों ने राज्यपाल का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। इसके उपरांत इस यूनिट के अन्तर्गत चलाई जा रही परियोजना के बारे में निदेशक शोध ने राज्यपाल को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य गांव स्तर पर छोटे एवं सीमांत किसान, जिनके पास छोटी जोत है, को अच्छी आय प्राप्त कराना है। इस यूनिट के अंतर्गत चलाये जा रहे कुक्कुट पालन के बारे में जानकारी देते हुए डा. एके यादव ने बताया कि मुर्गी की उत्तरा फाउल नस्ल पहाड़ के किसानों के लिए काफी उपयुक्त है। पशुपालन के अन्तर्गत दो गायों से अच्छी आमदनी किसान कैसे प्राप्त करे, इसकी जानकारी डा. बृजेश सिंह द्वारा दी गयी। मत्स्य पालन के साथ बत्तख पालन करके किसान एक छोटे से क्षेत्र में कम लागत और कम देखरेख में अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं, जिसके बारे में डा. एके मिश्रा द्वारा जानकारी दी गयी। डा. पूनम श्रीवास्तव ने इस यूनिट में खाली जमीन का उपयोग मधुमक्खी पालन करने के बारे में बताया। बागवानी और नर्सरी के बारे में जानकारी डा. एके सिंह द्वारा दी गयी। डा. केपीएस कुशवाह ने बताया कि मशरूम उत्पादन अतिरिक्त आय का जरिया है जो कम समय में निश्चित लाभ प्रदान करता है। इसके बाद राज्यपाल द्वारा धान के प्रक्षेत्र का भी भ्रमण किया। राज्यपाल ने वैज्ञानिकों को कागजों के आकड़ों पर आधारित न रह कर धरातल पर काम करने की आवश्यकता बतायी, जिससे किसानों को वास्तविक लाभ मिल सके। इसके बाद राज्यपाल ने पंतनगर परिसर में स्थित राजकीय कन्या इंटर कालेज का भ्रमण किया और वहां राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा महिलाओं की आजीविका के लिए बनाये उत्पादों को देखा और उनकी सराहना भी की। इसके उपरांत प्रधानाचार्य शाइस्ता जमाल और अन्य अध्यापिकाओं ने पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत किया। तत्पश्चात राज्यपाल ने कक्षाओं का भ्रमण किया और 12वीं कक्षा की छात्राओं से मुलाकात की तथा उनसे उनकी पढ़ाई और भविष्य के बारे में जाना। साथ ही उन्हें सलाह दी कि वे अपने लक्ष्य को ध्यान में रख कर पढ़ाई करें और अच्छे व्यक्तित्व से प्रेरणा लें। राज्यपाल ने कमजोर वर्ग की छात्राओं की सहायता के लिए डीएम को आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने प्रधानाचार्या से छात्राओं के लिए शिक्षणोत्तर गतिविधियों को कराने की सलाह भी दी, ताकि उनका संपूर्ण विकास हो सके।