देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने स्कूली प्रधानाचार्याें से औचक फीडबैक लेते हुये पूछा कि स्कूलों में स्वच्छता अभियान के तहत बालिकाओं के लिये स्वच्छता सुविधाओं व अलग “शौचालयों की व्यवस्था होने से छात्राओं के जीवन में क्या परिवर्तन आया है। क्या छात्राओं की उपस्थिति व दाखिलों में बढ़ोतरी हुई है? राज्यपाल ने प्रधानाचार्यों से कहा कि विद्यालयों में बालिकाओं के लिये अलग “शौचालयों की व्यवस्था के साथ ही सैनिटरी नैपकिन व चैंजिग रूम की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा प्रत्येक विद्यालय के निर्भीक सप्ताह में एक बार स्वच्छता के सम्बन्ध में बैठक करें जिसमें विद्यार्थियों को भी शामिल किया जाय। राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने सोमवार को नगर निगम प्रेक्षागृह देहरादून में भुवनेश्वरी महिला आश्रम तथा विभिन्न संस्थाओं द्वारा आयोजित ‘‘स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय’’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। भुवनेश्वरी महिला आश्रम तथा विभिन्न संस्थाओं द्वारा देहरादून के रायपुर क्षेत्र के 20 सरकारी स्कूलों में गत तीन वर्गों में ‘‘स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय’’ के तहत स्वच्छता सुविधाओं का विकास किया गया है। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि हर स्कूल में पीने का साफ पानी व सफाई होना छात्र-छात्राओं के मानसिक व शारीरिक विकास के लिये बहुत जरूरी है। बालक एवं बालिकाओं के लिये अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था होनी चाहिये। बच्चों के लिये हाथ धोने की भी व्यवस्था होनी चाहिये। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि स्वच्छता की आदतें सिखाने के लिए स्कूल एक आदर्श स्थान है। विद्यालयों में छात्रा-छात्राओं में स्वच्छता की आदतंे विकसित करने के लिये विभिन्न प्रकार की गतिविधियां करवायी जानी चाहिये। बच्चों को वृक्षारोपण के प्रति भी जागरूक किया जाना चाहिये। बच्चें अपने व अपने माता-पिता, भाई-बहनों व मित्रों के जन्मदिन पर एक-एक वृक्ष अवश्य लगाये तथा उसकी देखभाल करें। बच्चों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना होगा। स्कूलों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाये जाय।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि स्कूलों में साफ पीने के पानी तथा सफाई रहने से स्वस्थ स्कूली वातावरण बनेगा तथा बच्चों को बीमारी व स्कूलों में अनुपस्थिति से बचाने में मदद मिलेगी। स्वस्थ बच्चे स्कूल में बढ़-चढ़ कर सहभागिता करेंगें तथा शिक्षा का अधिकतम लाभ ले सकेंगे। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि हमारे देश में बलिकाओं के सामने बीच में पढ़ाई छोड़ने का एक बड़ा कारण स्कूलों में अलग शौचालय व सफाई की सुविधाओं की कमी भी है। स्कूलों में अलग शौचालायों के होने से बालिकाओं की हाजिरी पूरी करने में भी मदद मिलेगी तथा इससे स्कूलों में बालिकाओं के दाखिलों में भी बढ़ोतरी होगी। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि दिव्यांग बच्चों के सामने भी ड्राॅपआउट का खतरा अधिक रहता है। स्कूलों में दिव्यांग बच्चों के अनुरूप सुविधाओं का विकास किया जाना चाहिये।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि महात्मा गांधी वर्’ा 1920 से ही अपने भाषणों में देश के लोगों से सफाई की बात करते थे। 02 अक्टूबर, 2014 को जब गांधी जी की इस इच्छा को सामने रखते हुए स्वच्छ भारत अभियान की घोषणा की गई, उसके बाद से ही यह एक जन अभियान बन चुका है। लोगों में सफाई को लेकर एक जागरूकता आ चुकी है। यूनिसेफ का कहना है कि भारत के गांवों में चल रहे स्वच्छता अभियान से ना केवल बीमारियां कम हो रही हैं बल्कि इसका खर्च बचने से ओडीएफ गांव का हर परिवार 50 हजार रूपये सालाना की बचत भी कर पा रहा है। इस अवसर पर नगर निगम मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा ने कहा कि विद्यालयों में स्वच्छता अभियान के साथ ही नशे के खिलाफ भी अभियान चलाया जाना चाहिये। साथ ही विद्यार्थियों को प्लास्टिक प्रयोग के विरूद्ध भी जागरूक किया जाना चाहिये।
विधायक श्री खजान दास ने कहा कि स्वच्छता अभियान में बच्चों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक हैं। अपर नगर आयुक्त श्री नीरज जोशी ने घरों से ही जैविक व अजैविक कूड़े के पृथककरण की बात कही। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान में आम नागरिक की सक्रिय सहभागिता आवश्यक है। इस अवसर पर राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने एजुकेशनल किट, लर्निंग किट तथा वाॅश केरुकुलम आईसी किट का भी विमोचन किया। कार्यक्रम में श्री भुवनेश्वरी आश्रम के सचिव श्री ज्ञान सिंह रावत, यू,स,आईडी के वरिष्ठ सलाहकार श्री आनन्द रूद्रा, श्रीमती नवनीता रूद्रा, शिक्षक व स्कूली बच्चें उपस्थित थे।