नई दिल्ली। जनलोकपाल और किसानों के मुद्दे पर प्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हजारे ने शुक्रवार से रामलीला मैदान में अनशन शुरू कर दिया है। वह आज सुबह गांधी के समाधि स्थल राजघाट से प्रार्थना सभा कर रामलीला मैदान पहुंचे। अन्ना के साथ उनके पुराने साथी नहीं दिखे। गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि मैंने सरकार को 40 से अधिक बार पत्र लिखा, लेकिन जवाब नहीं मिलने पर अनशन पर बैठना पड़ा। उन्होंने कहा कि किसान को दाम नहीं मिलता, सरकार का कंट्रोल और केंद्र का दबाव है। राज्य रेट भेज देता है और केंद्र 40 पचास फीसद कटौती करता है। अन्ना ने कहा कि आज के दिन भगत सिंह राजगुरु जैसे लाखों लोगों ने देश के लिए कुर्बानी दी, जिन्होने कुर्बानी दी थी उनका सपना अंग्रेज़ को निकालने और लोकतंत्र लाने का था, लेकिन हुआ क्या? लोकतंत्र नहीं आया। बस फर्क केवल इतना आया कि गोरे गए काले आ गए। अन्ना ने कहा कि मंत्री आते हैं और कहते हैं कि अनशन मत करो। मैंने कहा आपकी ज़ुबान पर क्या भरोसा है, लिखित चाहिए। अन्ना ने कहा कि बीती रात को भी कृषि मंत्री आये थे। मैंने उनको बताया कि किसान संगठनों से बात करके फिर बताऊंगा। उन्होने कहा कि आप करने के लिए भी तैयार हैं तो भी हमारा अनशन जारी रहेगा। सरकार का अगर बातचीत का मैसेज आता है तो र्चचा करेंगे लेकिन मेरा अनशन नहीं रु केगा।