रावत ने नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश पर लगाया ये आरोप

देहरादून। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने हल्द्वानी के एमबी पीजी कॉलेज में एनएसयूआई नेता मीमांशा आर्य के कथित फर्जी प्रवेश के मामले में नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश पर सीधा आरोप लगाया है। उनका कहना है कि एमबी पीजी कॉलेज में जिन-जिन को फर्जी तरीके से प्रवेश दिए गए वो सब हल्द्वानी विधायक व नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश के कहने पर दिए गए। यही नहीं उनके उच्च शिक्षा मंत्री रहते कालेज में सैकड़ों फर्जी प्रवेश दिये गये। शनिवार को भाजपा कार्यालय में आयोजित मंत्रियों के जनता मिलन कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कांग्रेस पर भी आरोप लगाया कि वह गुंडों का कॉलेज कैंपसों में प्रवेश करवाती है जिससे शैक्षणिक माहौल बिगड़ता है। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल एमबी कॉलेज का नहीं है बल्कि पूरे प्रदेश का है और वह सभी डिग्री कॉलेजों में फर्जीवाड़ा कर प्रवेश देने के मामलों की जांच करवाएंगे और जांच में गड़बड़ी पाये जाने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। जनता मिलन में उन्होंने करीब 102 लोगों की शिकायतें सुनीं और उन पर कार्रवाई का भरोसा दिया। अधिकांश शिकायतें उच्च शिक्षा विभाग से जुड़ी थीं।बता दें कि इसी बृहस्पतिवार को प्रदेश शासन ने एनएसयूआई नेता मीमांशा आर्य के कथित फर्जी प्रवेश के मामले में उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. बीसी मेलकानी, हल्द्वानी (नैनीताल) के एमबी पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जगदीश प्रसाद, राजकीय पीजी कॉलेज देवीधूरा(चंपावत) के प्राचार्य डॉ. एसएस उनियाल, एमबी पीजी कॉलेज के सहायक प्राध्यापक,डॉ. एनके लोहनी को सीधे निलंबित कर दिया है। शासन की इस कार्रवाई की नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और एनएसयूआई ने कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि कार्रवाई अवैधानिक व इकतरफा है और निलंबन से पहले प्रभावित पक्षों से उनका पक्ष जानना चाहिए था यही नहीं यह नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ भी है। बहरहाल इस आरोप पर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि वह मानते हैं कि सरकारी कॉलेजों के नब्बे फीसद प्रोफेसर व कर्मचारी ईमानदार हैं केवल 10 फीसद ही नेतागिरी के चक्कर में गड़बड़ियां करते रहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई है उनके सामने अदालत की शरण में जाने का विकल्प खुला है। 

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