रेडड् प्लस हिमालय परियोजना प्रसार कार्यशाला का आयोजन

देहरादून। भारतीय वानिकी अनुसंधान एंव शिक्षा परिषद् (भा.वा.अनु.शि.प.) तथा नेपाल स्थित अंतर्राष्ट्रीय एकीकृत पर्वतीय विकास केन्द्र (आई.सी.एम.ओ.ड) द्वारा संयुक्त रूप से चलाई जा रही रेडड् प्लस हिमालय परियोजना की विस्तार कार्यशाला का आयोजन भा.वा.अनु.शि.प., देहरादून में किया गया।
इस विस्तार कार्यशाला के अवसर पर अपने स्वागत भाषण में एस.डी. शर्मा, उप महानिदेशक ने कहा कि जहां पर स्थानीय समुदाओं की वनों पर अत्याधिक निर्भरता हैं। रेेडड् प्लस कार्यक्रम कारगार सिद्ध हो सकते है। श्री. शर्मा ने बताया कि भा.वा.अनु.शि.प. भारत सरकार के लिए हाल ही में रेडड् प्लस की रणनीति बनाई हैं, जो कि शीघ्र ही संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सचिवालयों को भेजी जाऐगी। डा. आर.एस. रावत, वैज्ञानिक प्रभारी, जैवविविधता एंव जलवायु परिवर्तन प्रभाग ने रेडड् प्लस हिमालय परियोजना की गतिविधियों एंव उपलब्धियों पर प्रकाश डाला है। इस अवसर पर रेडड् प्लस हिमालय परियोजना पर आधारित एक लघु चलचित्र का विमोचन किया गया। उन्होने बताया कि परियोजना के माध्यम से उत्तर पूर्वी राज्य मिजोरम एंव उत्तरखण्ड राज्य में निर्वनीकरण वनक्षरण के कारकों के निदान करने की कार्ययोजना बनाई गई है। झुम खेती में शामिल मिजोरम के कृषिकों की आय बढ़ाने तथा रोजगार के अवसर उत्पन्न कराने हेतु इस परियोजना के तहत अनेक कार्यक्रम चलाये गये।
वी.आर.एस. रावत, विशेषज्ञ सलाहकार ने हाल ही में जारी राष्ट्रीय रेडड् प्लस रणनीति पर प्रकाश डाला। उन्होने बताया कि यह राष्ट्रीय रणनीति रेडड् प्लस गतिविधियों के संचालन से वनाधारित हरित रोजगार के अतिरिक्त अवसर पैदा करेगी। वैज्ञानिक डा. संजय सिंह, ने रेडड् प्लस कार्यक्रम के क्रियान्वयन पर सुरक्षा सूचना तंत्र के विकास पर प्रकाश डाला। डा. आर.एस.रावत ने कार्यशाला के अंत में धन्यवाद् ज्ञापन किया। इस अवसर सहायक महानिदेशक डा. शामिला कालिया, तथा वन अनुसंधान संस्थान के प्रभाग प्रमुख डा. ऐ.के, पांडे आदि वैज्ञानिक उपस्थित थे। कार्यशाला में आई.सी.एफ.आर.ई, वन अनुसंधान संस्थान व अन्य वैज्ञानिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया । विदित हो कि  संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन कार्यक्रम के अन्तर्गत निर्वनीकरण तथा वनक्षरण से हो रहे ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन तथा वन संरक्षण, वनों के सतत् प्रबंधन से कार्बन पृथ्थ्करण आदि गतिविधियो को रेडड् प्लस नाम से जाना जाता हैं।

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