विशिष्ट बीटीसी के मामलें में ये कहा जावड़ेकर ने

नई दिल्ली/देहरादून। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भरोसा दिया है कि उत्तराखंड की विशिष्ट बीटीसी के उलझी हुई समस्या का वह निदान करेंगे। यही नहीं जावड़ेकर ने हाईकोर्ट द्वारा स्कूलों के अनुरक्षण के लिए दिये गये निर्देशों का पालन कराने के लिए वित्तीय मदद देने का भी भरोसा दिया है।
सोमवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित केंद्रीय एडवाइजरी बोर्ड ऑफ एजुकेशन की 65वीं बैठक के बाद उन्होंने यह आश्वासन दिया। इस बैठक में सभी प्रांतों के शिक्षा मंत्रियों ने शिरकत की। उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय द्वारा बैठक में बताया गया कि राज्य सरकार ने एनसीईआरटी की किताबें लागू करने का फैसला ले लिया है और अगले शिक्षा सत्र से राज्य से सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें लगायी जाएंगी। उन्होंने बताया कि सरकार किताबों का बुक बैंक भी बनाने जा रही है। छात्र को मार्कशीट तभी दी जाएगी, जब वह किताबें जमा करेगा। बुक बैंक में जमा होने वाली किताबों को छात्रों को मुफ्त में दिया जाएगा। इस तरह राज्य के लोगों का प्रतिवर्ष किताबों पर होने वाला खर्च भी बचेगा और इससे कागज भी बचेगा। पांडेय की इस पहल का बैठक में जोरदार स्वागत करते हुए जावड़ेकर ने अन्य राज्यों के शिक्षा मंत्रियों को भी इसी आधार पर काम करने की सलाह दी।
अरविंद पांडेय ने बैठक में विशिष्ट बीटीसी के प्रकरण को विस्तार से रखा। उन्होंने कहा कि हमारा छोटा सा राज्य है। यहां अगर 13000 शिक्षक एकायक बेरोजगार हो गये तो न केवल स्कूलों के संचालन में भारी दिक्कतें आएंगी बल्कि इन शिक्षकों के सामने भी बहुत बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा। जावड़ेकर ने इस मामले को मानव संसाधन विकास सचिव को तत्काल प्राथमिकता में देखने हुए हल करने को कहा। पांडेय ने बैठक में एक और समस्या को प्रमुखता के साथ रखा। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों का अनुरक्षण करने के लिए हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर फैसला देते हुए 1200 करोड़ रुपये जुटाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के स्तर पर इतनी धनराशि जुटाना संभव ही नहीं है। इसके लिए केंद्र को मदद देनी होगी। जावड़ेकर ने निर्देश दिये कि इसके लिए एक विस्तृत प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाए और केंद्र अपनी तरफ से हरसंभव मदद करेगा।
शिक्षा के मामले में दूसरे राज्यों की बराबरी करने से पांडेय ने हाथ खड़ा कर दिया। उन्होंने राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों का हवाला देते हुए कहा कि हम दिल्ली, गुजरात या हरियाणा जैसे राज्यों की बराबरी नहीं कर सकते। हमारे प्रदेश की स्थितियां भिन्न हैं और सरकार इस बात का पूरा प्रयास कर रही है कि राज्य का शैक्षिक स्तर बेहतरी की ओर बढ़े। बैठक में सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने अपने राज्यों की योजनाओं को रखा।

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