शराब कांड की जांच करेगी विधानसभा सदस्यों की समिति

कांग्रेस विधायकों ने सदन के बाहर दिया धरना
देहरादून। बजट सत्र के दूसरे दिन भी विपक्ष ने जहरीली शराब कांड को लेकर खासा हंगामा काटा। इस मामले पर नियम 310 की ग्राह्यता पर चर्चा के बाद पीठ ने विधायकों की एक समिति बना इस कांड के सभी पहलुओं की पड़ताल करने का निर्णय लिया। उधर सरकार के जवाब से नाखुश कांग्रेस विधायकों ने सदन से बहिर्गमन करने के बाद सदन के बाहर धरना दिया।
बजट सत्र के दूसरे दिन सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, कांग्रेस सदस्य प्रीतम सिंह ने सारा काम रोक कर शराब से हुई मौतों पर चर्चा कराने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश ने भी इस मामले को तात्कालिक महत्व का बताते हुए इस पर अविलंब चर्चा की मांग की। संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने मद 22 में इस पर चर्चा कराने की बात कही, लेकिन विपक्षी सदस्यों ने सरकार पर संवेदनहीन होने के आरोप लगाते हुए शोरगुल शुरू कर दिया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने नियम 310 की ग्राह्यता पर चर्चा की मंजूरी दी, जिस पर विपक्ष को सुनने के बाद सरकार का जवाब आने पर मामले को अग्राह्य कर दिया। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, ममता राकेश, प्रीतम सिंह, गोविंद सिंह कुंजवाल, करन माहरा, हरीश धामी, मनोज रावत, फुरकान अहमद, राजकुमार व आदेश चौहान ने इस मामले में सरकार को जमकर आड़े हाथ लिया। कांग्रेस विधायकों ने आबकारी मंत्री से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से इतने गंभीर मामले में बहुत ही हल्के तरीके से काम किया गया।
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि प्रशासन ने मृतकों के अंतिम संस्कार तक की व्यवस्था नहीं की। वे अपने परिजनों की मृत्यु से आहत हैं, ऐसे में सरकार की ओर से घोषित आर्थिक सहायता तत्काल मिले। कांग्रेस की ममता राकेश ने कहा कि विंदुपुर गांव में शराब की भट्ठियां चल रही थी। इस संबंध में वे एसओ को पहले भी कह चुकी थी कि इन्हें बंद कराओ, लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। अब जब वे सस्पेंड हो गये तो उन्होंने फिर से एसओ को कहा कि वे उनकी बात मान लेते तो इतना बड़ा कांड नहीं होता। कांग्रेस सदस्यों ने आबकारी मंत्री से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की। आबकारी व संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने सरकार द्वारा अब तक की गयी कार्रवाही की जानकारी दी है, लेकिन विपक्ष ने इसे नाकाफी बताते हुए सदन में तख्तियां लहरायी और वेल में जाने के बाद सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और सदन से वाकआउट कर दिया। वाकआउट करने के बाद विपक्षी सदस्य सदन के बाहर सीढ़ियों पर धरने पर बैठ गये। यहां काफी देर तक वे धरने पर बैठे रहे।
सरकार पूरी तरह गंभीर, इसी सत्र में आएगा कड़ा कानून : पंत
देहरादून। जहरीली शराब कांड पर नियम 310 की ग्राह्यता पर सरकार का पक्ष रखते हुए आबकारी व संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि सरकार ने इस मामले के संज्ञान में आते ही कार्रवाई शुरू कर दी थी। पंत ने बताया कि इसी सत्र में अवैध शराब से संबंधित कानून में कड़े दंड का प्रावधान किया जाएगा। विपक्षी सदस्यों की र्चचा के बाद सरकार का पक्ष रखते हुए पंत ने बताया कि सात फरवरी को इस घटना के तुरंत बाद सरकार ने आठ फरवरी को कार्यालय खुलते ही आबकारी के 13 और पुलिस के चार अफसरों व कार्मिकों को निलंबित कर दिया था। इसके साथ ही सरकार ने मजिस्टीरियल जांच के आदेश देते हुए एसआईटी भी गठित कर दी, जिसका नेतृत्व आईजी गढ़वाल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों की दिक्कतों को देखते हुए तत्काल मृतक आश्रितों को दो लाख व घायलों को उपचार के लिए 50-50 हजार की घोषणा कर दी है। पंत ने बताया कि विपक्ष का सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप पूरी तरह गलत है और सरकार ने जिला आबकारी अधिकारी और उससे ऊपर के सात अधिकारियों से भी स्पष्टीकरण मांगा है। स्पष्टीकरण का समय आज पूरा हो रहा है, जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर सरकार उन अधिकारियों के खिलाफ भी एकतरफा कार्रवाई करेगी। पंत ने कहा कि सरकार इस घटना पर तो जांच कर ही रही है, आगे ऐसा न हो और प्रदेश में अवैध शराब का कारोबार पूरी तरह बंद हो सके, इसके लिए आयोग का गठन कर रही है। उन्होंने पीठ से आग्रह किया कि इस सूचना पर सारा कुछ स्पष्ट हो गया है, इसलिए इसे नियम 310 में अग्राह्य कर दिया जाए।

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