नैनीताल। शिक्षक.शिक्षिकाओं की चुनौती याचिकाओं की सुनवाई करते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से कई सवाल पूछे है। न्यायालय ने राज्य सरकार से नैनीतालए हरिद्वारए ऊधमसिंह नगर व देहरादून जिलों के मैदानी क्षेत्र के कई स्कूलों को दुर्गम दिखाने का कारण स्पष्ट करने को कहा है।
न्यायालय ने सरकार से 50.55 वर्ष के महिला व पुरुष शिक्षकों के स्थानांतरण में छूट प्रदान करने का भी कारण पूछा है। न्यायालय ने इस तरह के सीनियर कर्मचारियों को तबादले में छूट के बजाय स्वैच्छिक सेवानिवृत्त न किए जाने का भी कारण स्पष्ट करने को कहा है। मंगलवार को ये तमाम सवाल न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की एकलपीठ ने टिहरी निवासी भरत सिंह असवाल सहित 150 से अधिक शिक्षक.शिक्षिकाओं की चुनौती याचिकाओं की सुनवाई करते हुए पूछे हैं। न्यायालय ने सरकार से साफ तौर पर कहा है कि क्या किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित शिक्षक का तबादला प्रार्थना पत्र में निर्णय लेने के समय के आधार पर रोका जा सकता हैघ् न्यायालय ने सरकार से 30 अप्रैल को रिक्त सभी जिलों के शिक्षकों के पदों की सूची भी तलब की है। इसके साथ ही न्यायालय न बुधवार को भी सुनवाई करने का फैसला किया है।