देहरादून। अशासकीय मान्यता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में भर्ती पर लगी पाबंदी 11 महीने बाद प्रदेश सरकार ने हटा दी है। सचिव शिक्षा डॉ. भूपिंदर कौर औलख ने मंगलवार को इसका शासनादेश जारी किया। उन्होंने गढ़वाल के 204 और कुमाऊं के 130 अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया दोबारा शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत अशासकीय विद्यालयों में अब नए नियमों के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया होगी। बता दें कि पिछले साल जुलाई में शासन ने अशासकीय स्कूलों में प्रबंधन तंत्र की मनमानी और शिकायतों को देखते हुए सरकार से सहायता प्राप्त अशासकीय स्कूलों में नई भर्तियों पर रोक लगा दी थी और कहा था कि भविष्य में नई भर्तियां नए मानकों पर होगी। प्रदेश सरकार ने यह फैसला विधानसभा चुनाव के वक्त लागू आदर्श आचार संहिता के दौरान पिछली सरकार के समय नियुक्तियों में धांधली की शिकायतों की वजह से किया था। इस मामले की जांच पांच अधिकारियों की टीम कौ सौंपी गई थी। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे प्रेस कान्फ्रेंस कर बताया था कि चुनाव आचार संहिता के दौरान नियम विरूद्ध भर्तियों को निरस्त किया जा रहा है।
अब यह होगी नियुक्ति की प्रक्रिया
नई प्रक्रिया के अनुसार विज्ञप्ति जारी होने के बाद मुख्य शिक्षा अधिकारी और विद्यालय प्रबंधन मेरिट तैयार करेंगे। इसी मेरिट के आधार पर इंटरव्यू लिए जाएंगे। विद्यालय प्रबंधन अधिकतम पांच नंबर का इंटरव्यू ले सकते हैं। हालांकि इसमें उत्तराखंड बोर्ड के अभ्यर्थियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। सीबीएसई या अन्य बोर्ड की तुलना में उत्तराखंड बोर्ड की मूल्यांकन प्रक्रिया कठिन समझी जाती है। अब तक अशासकीय स्कूलों में नियुक्ति मुख्य शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में एक्सपर्ट कमेटी और प्रबंधन समिति मिलकर करती थी। विज्ञप्ति जारी करने के बाद सीईओ के स्तर से मेरिट तैयार की जाती थी। जिस पर तीन विभागीय एक्सपर्ट और प्रबंधक आवेदकों के इंटरव्यू करते थे। प्रबंधक किसी भी अभ्यर्थी को इंटरव्यू में अधिकतम 18 अंक तक दे सकते थे।