विद्यालयों के 100 गज के भीतर की सीमा में तम्बाकू उत्पादों को बेचना गैर कानूनी
देहरादून। जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के तत्वाधान में आज यहां नगर मजिस्टेªट मनुज गोयल की अध्यक्षता में तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम 2003 के क्रियान्वयन को लेकर बैठक आयोजित की गयी। इस अवसर पर बैठक में जागो ओर जगाओ, देश से तम्बाकू भगाओ, तम्बाकू से युवा बचेगा, तो देश बचेगा पर विस्तृत चर्चा की गयी।
बैठक में बताया गया कि तम्बाकू उपयोग स्वास्थ्य के लिए ही हानिकारक नही है बल्कि इसके दुष्प्रभाव इससे अधिक हैं। भारत में प्रतिवर्ष 10 लाख मृत्यु तम्बाकू से होती हैं, जिसे रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि कोटपा अधिनियम के तहत् सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करना वर्जित है तथा विद्यालयों के 100 गज के भीतर की सीमा में तम्बाकू उत्पादों को बेचना भी गैर कानूनी है। बैठक में जानकारी देते हुए अवगत कराया गया कि मसूरी को धूम्रपानमुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है, इसके अलावा पर्यटन स्थलों समेत ऋषिकेश को भी धूम्रपानमुक्त क्षेत्र बनाने पर जोर दिया गया। बैठक में धारा 4 के उल्लंघन पर 1300 से अधिक व्यापारियों के चालान कर 90 हजार की धनराशि अर्थदण्ड के रूप में वसूली गयी। तम्बाकू निंयत्रण के लिए जनपद के 183 शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त करने के लिए स्कूल प्रबन्धन से वार्ता की गयी है तथा 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को तम्बाकू की बिक्री नही की जा सकती है।
जनपद में चल रहे हुक्काबारों के सम्बन्ध में बताया गया कि ऐसे हुक्का बारों का लगातार चालान करने की कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। बैठक में धूम्रपान न करने वालों की तुलना में नंपुसकता होने की सम्भावना बढ जाती है तथा धूम्रपान वीर्य पोषण को भी मारता है। बैठक में बताया गया कि धारा 4 अन्तर्गत सार्वजनिक स्थलों के प्रबन्धक एवं स्वामी द्वारा चेतावनी बोर्ड लगाया जाना आवश्यक है। धारा 6क के अन्तर्गत 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को तम्बाकू उत्पादों की बिक्री प्रतिबन्धित है तथा विर्निदिष्ट स्थानों पर बोर्ड भी लगाया जाना आवश्यक है। इसी प्रकार धारा 6ख के अन्तर्गत शैक्षिक संस्थानों के 100 गज के दायरें में सिगरेट तथा अन्य तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबन्ध है। धारा 5 के अन्तर्गत सिगरेट तथा अन्य तम्बाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से होने वाले विज्ञापन, प्रोत्साहन, प्रायोजन पर प्रतिबन्ध है। उल्लंघन करने पर 1 हजार रू0 का जुर्माना तथा 2 वर्ष के कारावास की सजा निर्धारित है।
इसी प्रकार धारा 7 में बिना विशिष्ट स्वास्थ्य चेतावनी के सिगरेट तथा अन्य तम्बाकू उत्पादों की बिक्री व वितरण पर भी प्रतिबन्ध है तथा उल्लंघन किये जाने पर 2 वर्ष का कारावास या 5 हजार रू0 का जुर्माना निर्धारित किया गया है। बैठक में दृश्य एवं श्रव्य के माध्यम से भी तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम की जानकारी दी गयी। जिला स्तरीय समन्वय समिति द्वारा बैठक में तम्बाकू से होने वाले विभिन्न रोगों की भी जानकारी दी गयी। बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन अरविन्द पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण प्रमेन्द्र डोभाल, अस्सिटेंट कमिश्नर राज्य कर अवनीश पाण्डेय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ एस.के गुप्ता, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ एन.के त्यागी समेत तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ की समन्वयक अर्चना समेत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।