देहरादून। व्हाट्सअप, फेसबुक, ट्विर समेत अन्य सोशल मीडिया पर अफवाह पोस्ट और शेयर कर समाज में डर की स्थिति पैदा करने वालों पर पुलिस वैिक कसेगी। ऐसा करने वालों पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। शनिवार को अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने इस बाबत दिशा निर्देश जारी किए हैं। अपर पुलिस महादिशेक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के जनपदों में कुछ अराजक तत्वों द्वारा माहौल को खराब करने के लिए सोशल मीडिया पर झूठे और भ्रामक सन्देश प्रसारित किए जा रहे हैं। इससे समाज में भय का माहौल पैदा हो रहा है। पहली अफवाह यह फैलाई गई थी कि काकड़ीघाट अल्मोड़ा से भिखारी के वेश में 500 लोग निकले हैं जो रास्ते में मिलने वालों के शरीर काटकर कलेजे और किडनी निकाल रहे हैं। इसमें छह-सात लोग पकड़े गए हैं। जो लोग पकड़े गए हैं उन्होंने कड़ी पूछताछ के बाद 500 लोगों के आने की बात कबूली है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो डालकर डराया गया था कि सावधान रहें। हर 15 से 20 लोगों की टोली में बच्चे और महिलाएं हैं जिनके पास हथियार हैं। इसके बाद थाना मुक्तेश्वर क्षेत्रान्तर्गत धानाचूली धारी क्षेत्र में बच्चों और व्यस्कों का अपहरण कर किडनी निकालने वाले गिरोह की अफवाह फैलाई गई। एडीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया पर झूठी सूचना प्रसारित करना दण्डनीय अपराध है। जनपद पुलिस द्वारा ऐसे भ्रामक सन्देश प्रसारित करने वालों को चिह्नित कर उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि फेसबुक, ट्विटर या व्हाट्सएप पर कुछ भी पोस्ट करने से पहले अपने विवेक का इस्तेमाल करें। कोई भी मैसेज या वीडियो शेयर करने से पहले उसकी वास्तविकता का पता करें। बिना सच्चाई का पता किए कोई भी विडियो या पोस्ट शेयर न करें। इसके साथ ही उन्होंने अपील की कि लोग भ्रामक सूचनाओं पर ध्यान न दें। न सोशल मीडिया में इसे शेयर करें। इस बारे में आसपास के लोगों को भी जागरूक करें। बिना सोचे समझे झूठी सूचना या अफवाह पोस्ट और शेयर करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।