देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गेहूं खरीद को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि प्रदेश के किसानों के साथ फिर एक बार मजाक हो रहा है। राज्य में गेहूं खरीद केंद्र खोले गये हैं, पहले तो खरीद केंद्र नहीं है और जहां खरीद केंद्र हैं, वहां बारदाना नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि किसानों को मजबूर होकर अपना गेहूं औने-पौने दाम पर बेचने पड़ रहे हैं। कोई गेहूं 1600 रुपये प्रति क्विंटल बेच रहा है कोई 1650 रुपये प्रति क्विंटल बेच रहा है। घर से खुशी-खुशी घोषित मूल्य पर गेहूं बेचने की कामना लेकर निकला हुआ किसान मंडी में आकर अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है, राज्य की त्रिवेंद्र सरकार इधर ध्यान दे नहीं रही है। हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर व नैनीताल सब जगह एक ही कहानी है।
जंगलों की आग को लेकर भी हरीश रावत ने प्रदेश सरकार को घेरा और कहा कि उत्तराखंड के जंगलों में आग नियंत्रण से बाहर होती जा रही है। इस बार चुनावी घालमेल में ऐसा लगता है कि आग के नियंत्रण के जो सामान्य उपाय हैं, उन पर भी ध्यान नहीं दिया गया है। बता दें कि प्रदेश में इस वक्त कम से कम 100 जंगलों पर आग लगी है। हालांकि गर्मी में देरी होने से वन विभाग को राहत है लेकिन अभी फायर सीजन खत्म होने में कम से कम डेढ़ महीना बाकी है। अगर गर्मी बढ़ी तो वनों की यह आग भारी नुकसान कर सकती है।