देहरादून। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने निर्देश दिए हैं कि केदारनाथ पुनर्निर्माण का काम हर हाल में फरवरी के पहले हफ्ते में शुरू हो जाना चाहिए। यही नहीं जनसुविधा के सभी कार्य कपाट खुलने के पहले हो जाने चाहिए।
मुख्य सचिव ने बुधवार को सचिवालय में केदारनाथ पुनर्निर्माण के मास्टर प्लान की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी संबंधित विभाग डिजाइन के अनुसार डीपीआर 10 दिन में बना लें। तत्काल महत्व के कायरे को प्राथमिकता के आधार पर फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। दीर्घकालीन योजना के कार्य चलते रहेंगे।गौरतलब है कि केदारनाथ में पहली बार बर्फ पड़ने के बावजूद भी दिसंबर व जनवरी के महीने में भी निर्माण कार्य जारी रखा गया। इस समय 50 फीट चौड़ी सड़क का निर्माण मंदिर तक किया जा रहा है। बाढ़ सुरक्षा दीवार और घाट निर्माण का कार्य चल रहा है। सड़क के दोनों ओर 10-10 फीट की जगह खाली रखी गयी है। इस बफर जोन में यूटिलिटी डक्ट और ड्रेन बनाया जाएगा। यूटिलिटी डक्ट के अंदर ही पेयजल की पाइप लाइन होगी। सीवरेज और स्टार्म वॉटर के लिए अलग डक्ट बनाया जाएगा। पाइपलाइन को जमीन के एक मीटर नीचे मिट्टी के बीच में लगाया जाएगा, जिससे कि पानी बर्फ से जम न पाए। पानी सप्लाई के लिए जलाशय बनाया जाएगा। ग्रेविटी के जरिए सप्लाई की जाएगी। मंदिर के दोनों ओर जगह खाली रखी जायेगी। दर्शनार्थियों की प्रतीक्षा के लिए अलग स्थान सुरक्षित रखा जाएगा। इसके अलावा सरस्वती और मंदाकिनी घाट पर चेंजिंग रूम, लॉकर, टॉयलेट बनाये जायेंगे। दिव्यांग दर्शनार्थियों के लिए रैंप बनाये जाएंगे। केदारपुरी से दूर एसटीपी, बायो डाइजेस्टर बनाया जाएगा। केदारनाथपुरी को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए विशेषज्ञों, संस्थानों से अध्ययन कराने के बाद डिजाइन के अनुसार मास्टर प्लान तैयार किया गया है। चरणबद्ध रूप से प्लान को लागू किया जा रहा है। बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई आनंद बर्धन, मंडलायुक्त गढ़वाल दिलीप जावलकर, सचिव ऊर्जा राधिका झा, सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी, अपर सचिव ऊर्जा जेपी ज़ोशी, डीएम रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।