देहरादून। राज्य सरकार ने जहां इस बार ट्रांसफर एक्ट के आधार पर तबादले करने के लिए रास्ता साफ कर दिया है, वहीं सरकार परेशान कार्मिकों खासकर शिक्षकों को भी बड़ी राहत देने जा रही है। परेशान ऐसे शिक्षकों को माना जाएगा, जो स्वयं या किसी परिजन की गंभीर बीमारी की वजह से बार-बार उपचार के लिए शहरों में आने को मजबूर रहते हैं।
शिक्षा मंत्री ने पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में सरकार के इस वायदे को पूरा करने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार अपने वायदे के अनुरूप बीमार शिक्षकों को हर हाल में सुगम में तैनाती देगी। तबादलों की पहली खेप में ऐसे शिक्षक-शिक्षिकाओं की ही तैनाती होगी, जो स्वयं या किसी परिजन की गंभीर बीमारी की वजह से परेशान हैं। पांडेय ने साफ शब्दों में कहा कि अनिवार्य तबादलों में शिक्षकों को हर हाल में अपने द्वारा भरे गये विकल्पों में जाना ही होगा और विभाग द्वारा तय समय सारिणी के अनुसार सभी शिक्षक 25 मई तक अपने विकल्प भर कर संबंधित अधिकारी के पास अवश्य दे दें। उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग में ऐसे तमाम मामले देखने को मिले हैं कि वास्तव में परेशान शिक्षक दुर्गम में नौकरी करने को विवश हैं जबकि मंत्री-विधायकों तक पहुंच रखने वाले शिक्षक स्वस्थ होने के बाद भी मनमाफिक पोस्टिंग पाने में सफल रहते हैं। पहुंच वाले ज्यादातर शिक्षक स्टेट मेडिकल बोर्ड से मनमाफिक सर्टिफिकेट लेने में सफल भी रहते हैं। ऐसे में सरकार ने इस बार निर्णय लिया है कि मेडिकल बोर्ड के प्रमाण पत्रों के साथ ही उपचार के दस्तावेजों की जांच के लिए एक मेडिकल टीम का गठन करके वास्तविक परेशान शिक्षकों की पड़ताल की जाएगी। उसके बाद सबसे पहले ऐसे शिक्षकों को ही सुगम की तैनाती दी जाएगी।