हेलीकॉप्टर सेवाओं की संख्या बढ़ाने को चल रहे प्रयास: सीएम रावत

देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। चार धाम के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं की संख्या बढ़ाने के प्रयास चल रहे हैं। डीजीसीए से भी इस बारे में बातचीत हो रही है। यह बात मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पत्रकार वार्ता के दौरान कही।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि सात कंपनियों को हेलीसेवा की मंजूरी मिल गई है। 23 मई को दो और हेली कंपनियों को टेंडर आवंटित किया जाना है। इसके साथ ही नौ हेलीकॉप्टर कंपनियों की सेवाएं केदारनाथ के लिए होंगी। इसके अलावा केदारघाटी में तय 72 घंटे हेलीकॉप्टर की उड़ान अवधि है, इसमें अधिक से अधिक कैसे हेलीकॉप्टरों की उडान हो सकती है, इसके प्रयास किए जा रहे हैं। चारधाम में उड़ानों की कम संख्या के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हेली सेवाओं के टेंडर का मसला हाईकोर्ट में चले जाने से इस बार टेंडर आवंटन देरी से हुआ। अब दो और कंपनियों को जल्द ही मंजूरी दी जाएगी। घाटी में एक साथ हेलीकॉप्टर उड़ानों की संख्या डीजीसीए तय करता है, जिसमें सरकार कुछ छूट की मांग कर रही है। उन्होंने बताया कि टेंडर आवंटन के बाद दो हेलीपैड और संचालित होने लगेंगे। उन्होंने कहा कि देहरादून से भी हेलीकॉप्टर की चार्टर सेवा शुरू करने के लिए नागरिक उड्डयन विभाग ने डीजीसीए से अनुमति मांग ली है।
16 हजार करोड़ के निवेश प्रक्रिया में : मुख्यमंत्री ने बताया कि इनवेस्टर्स सम्मिट के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। जितने एमओयू हुए थे, उसमें से 16 हजार करोड़ रुपये के प्रस्तावों पर बात आगे बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि पहाड़ में सोलर ऊर्जा के 177 मेगावाट के प्रस्ताव मिले हैं। इसी के साथ पिरूल से ऊर्जा के 425 मेगावाट के प्रस्ताव मिले हैं। प्रदेश में 27 फीसद वन चीड़ के हैं। इसमें 23 लाख मीट्रिक टन पिरूल प्रतिवर्ष उत्पादन होता है जिसमें से 15 लाख टन पिरूल का उपयोग हो सकता है। उन्होंने कहा कि इससे जहां ऊर्जा उत्पादन में हो रही दिक्कत दूर होगी, दूसरी तरफ पिरूल से ऊर्जा उत्पादन से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और जंगल से पिरूल उठने से जंगलों में आग की समस्या का भी समाधान होगा।

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