प्रमाण पत्रों की जांच को दिन भी तय
देहरादून। प्रदेश के स्कूलों में अतिथि शिक्षकों के लिए रिक्त 4910 पदों के लिए आनलाइन आवेदन के तहत कुल 67,283 शिक्षकों के द्वारा आवेदन किया गया है। आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के चयन के लिए प्रमाण पत्रों की जांच को दिन भी तय कर दिया गया है।
विदित हो कि शिक्षको की कमी को दूर करने के उद्देश्य से गत 12 दिसंबर को 4910 पदों के लिए आवेदन मांगे गये थे। पदो के सापेक्ष बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के आवेदन आये हैं। एलटी के 83 पदों के लिए 20,770 अभ्यर्थियों ने आवेदन किये हैं जबकि प्रवक्ता के 4076 पदों के लिए 46,513 अभ्यर्थियों ने आनलाइन आवेदन किये हैं। इन सभी अभ्यर्थियों के चयन के लिए अंतिम निर्णय मुख्य शिक्षा अधिकारियों के कार्यालयों में होगा। इसके लिए 3 व 4 जनवरी की तिथि निर्धारित की गयी है। अभ्यर्थियों को सलाह दी गयी है कि वे ऑनलाइन आवेदन में दिये गये पूर्ण विवरण से संबंधित साक्ष्यों को साथ लेकर रिपोर्ट करें। इसमें मूल शैक्षिक प्रमाण पत्र, प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, अनुभव प्रमाण पत्र और आरक्षण से संबंधित प्रमाण पत्रों को भी देखा जाएगा। अभ्यर्थियों का चयन जनपदवार किया जा रहा है, जनपद की वरीयता और मेरिट दोनों को देखते हुए विषयवार/संवर्गवार सूचियां विभागीय वेबसाइट (स्कूल एजुकेशन की साइट) पर डाल दी गयी हैं।
सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय को बताया गया कि एलटी के कुल 3089 रिक्त पदों में से 83 पर ही गेस्ट की नियुक्ति की जा रही है। जबकि 1214 पदों की भर्ती की कार्रवाई अधीनस्थ सेवा चयन के जरिये गतिमान है। इस बीच 2014 में जारी विज्ञप्ति के अनुसार राज्य आंदोलनकारियों के लिए आरक्षित 296 पदों पर उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद द्वारा सामान्य चयन के उपरांत नियुक्तियां कर दी हैं। वर्तमान में प्रवक्ता के कुल 4509 पद रिक्त हैं, जिसमें से गेस्ट फैकल्टी के लिए 4076 पद रखे गये हैं और सीधी भर्ती के 917 पदों के लिए चयन की कार्रवाई लोक सेवा आयोग में गतिमान है। इसके साथ ही पदोन्नति कोटे के 1949 पदों पर मौलिक पदोन्नति की कार्रवाई गतिमान है। बैठक में अन्य विभागीय कायरे की प्रगति की जानकारी भी मंत्री ने ली।
इन जिलों में अतिथि शिक्षको के है इतने रिक्त पद
देहरादून। पूरे प्रदेश में गेस्ट टीचरों के लिए रिक्त पदों की संख्या 4910 है। रिक्त पदों की संख्या को देखते हुए कहा जा सकता है कि पर्वतीय जनपदों में शिक्षकों की भारी कमी है जबकि मैदानी जनपदों में शिक्षकों की ज्यादा जरूरत नहीं है। ये आंकड़े इस बात को भी आईना दिखाते हैं कि पहाड़ से मैदानी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में होने वाले शिक्षकों के तबादलोें की वजह से ऐसा हुआ है। सबसे अधिक रिक्त पद पौड़ी में 692 हैं और दूसरे नंबर पर पिथौरागढ़ जनपद में 680 रिक्त पद हैं। तीसरे नंबर पर 657 रिक्तियों के साथ अल्मोड़ा है। चौथे नंबर पर टिहरी 585 रिक्तियों के साथ है। 5वां नंबर चमोली का है, यहां 532 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। देहरादून में कुल 134, उत्तरकाशी में 218, चंपावत में 276, बागेश्वर में 332, हरिद्वार में 105, नैनीताल में 273 व ऊधमसिंहनगर में 121 पद ही रिक्त हैं।