अपने भी आए हरदा के तीर की चपेट में

देहरादून। सोशल मीडिया के माध्यम से ही सही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपनी न केवल अपनी मौजूदगी को दर्ज कराते रहे है, अपितु खासी चर्चाओं में भी रहे है। इसी कड़ी में हरदा ने एक बार फिर सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हुए एक तीर से भाजपा के लोगों के साथ ही अपने करीबी कहे जाने वाले लोगों पर भी निशाना साधा है।
कई तरह की पार्टियों के लिए खासी चर्चा बटोर चुके सियासत के माहिर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सीमित सक्रियता के बावजूद सोशल मीडिया की पहुंच का भरपूर इस्तेमाल कर अपनी बात कहने का कोई अवसर नहीं गंवा रहे हैं। कुछ दिन पूर्व सोशल मीडिया में शेयर की गई अपनी पोस्ट पर आई प्रतिक्रियाओं के जवाब में हरदा ने नई पोस्ट डाली है। इस पोस्ट में उन्होंने बीजेपी के साथ ही अपने खास लोगों को भी निशाने पर लिया है।
सूबे की सियासत से फिलहाल थोड़ी दूरी बनाकर चल रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने खुद पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए लिखा है, ‘कुछ दोस्त बार-बार यह आभास देते हैं, जैसे भष्ट्राचार, पलायन, शराब, बजरी की माफियागिरी, बेरोजगारी, राजधानी का उलझाव सब मेरे साथ पैदा हुआ है। पहले तो राज्य में रामराज्य था। कुछ दोस्तों की नजर में चुनाव हारने के साथ मुझे खटिया पकड़ लेनी चाहिए थी। खटिया नहीं पकड़ी है, तो यह मेरा जघन्य अपराध है। सोशल मीडिया की यही खासियत है, जो आपकी ऐसी चीरफाड़ करता है कि आपको अपनी असलियत तो समझ में आ ही जाती है, बहुधा चीरफाड़ करने वालों की नीयत भी समझ में आ जाती है।’ आगे उन्होंने पोस्ट करने वाले सभी दोस्तों से वादा किया है कि एक बार फिर वह अपने घर की छत पर बैठकर आपके कमेंट्स के आलोक में अपनी चीरफाड़ करेंगे कि कहां उनसे गलती रह गई।
इस पोस्ट में हरदा ने लिखा है, कभी हम मिथ्या आभासों से घिर कर स्वयं को महामंडित करने लगते हैं। नेता, विशेषतया हारे हुए नेता इस रोग से ज्यादा ही ग्रस्त रहते हैं। संभवतया मेरे साथ भी यही स्थिति है। हालांकि इसके बाद उन्होंने उन परिस्थितियों का जिक्र कर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश भी की है, जिनमें वह मुख्यमंत्री बने थे। अपनी राजनैतिक चुनौतियों को लेकर उन्होंने लिखा है, ‘मेरे आते ही केंद्र से कांग्रेस की सरकार चली गई। राज्य में सरकार पूर्णतया पीडीएफ के विवेक पर निर्भर थी। भगवान ने भी मेरी ऐसी परीक्षा ली कि मैं इस दौरान अपनी गर्दन भी तुड़वा बैठा।’ हालांकि हरीश रावत ने अपनी ताजा पोस्ट में सूबे में सत्तासीन भाजपा को भी नहीं बख्शा है।

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