देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। देवभूमि उत्तराखंड में पांचवे धाम के रूप में माने जाने वाले पवित्र सिख तीर्थस्थल श्री हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने के लिए श्रद्धालुओं कोे थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। कारण अत्यधिक बर्फबारी का होना है। पूरे क्षेत्र के बर्फबारी से ढके होने के कारण हेमकुंड साहिब के कपाट अब 1 जून को खुलेगे।
देवभूमि उत्तराखंड के चारों धामों की यात्रा शुरु होने के बाद अब पांचवा धाम माने जाने वाले पवित्र सिख तीर्थस्थल श्री हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने की बारी हैण् लेकिन भारी बर्फ़बारी के चलते श्रद्धालुओं को इस बार थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। पूरे क्षेत्र के बर्फ से ढके होने के कारण हेमकुंड साहिब के कपाट अब एक जून को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। पहले इस तीर्थस्थल के कपाट 23 मई को खुलने थे, लेकिन यहां जमी बर्फ़ को दृष्टिगत रखते हुए कपाट खोले जाने की तिथि को बढ़ाया गया है। सिख और दूसरे धर्मों के लोग हेमकुंड साहिब तक आराम से और सुरक्षित पहंच पाएं इसके लिए सबसे पहला काम तो रास्ते खोलना है। यहां चारों ओर जमी बर्फ़ को देखते हुए यह बड़ी चुनौती लग रहा है। हालांकि गुरुद्वारा कमेटी के लोग और सेना के जवान बर्फ़ काटकर रास्ता बनाने की कवायदों में पूरी तरह से जुट गए है।
बताया जाता है कि हेमकुंड साहिब में लक्ष्मण लोकपाल मंदिर पूरी तरह से बर्फ से ढका हुआ है तो गुरुद्वारा साहिब और हेमकुंड सरोवर पर भी बर्फ़ की मोटी चादर बिछी हुई है। सेना के जवान गुरुद्वारा क्षेत्र के साथ ही लंगर क्षेत्र से बर्फ़ हटाने के काम में जुटे हुए हैं। बताया जाता है कि गुरुद्वारे का पहला निशान साहिबए जिसकी ऊंचाई 25 फ़ीट है वह 18.20 फ़ीट बर्फ़ से ढका हुआ है। उधर गुरूद्वारा प्रबन्धन कमेटी से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि भले ही धाम में अभी भी भारी मात्रा में बर्फ जमी है लेकिन यात्रा शुरु होने तक व्यवस्थाओं को पूरी तरह से दुरूस्त कर लिया जाएगा। उन्होंने भी कहा कि बर्फबारी को देखते हुए ही हेमकुंड साहिब के कपाट 23 मई के स्थान पर 1 जून को खोले जाएंगे।