देहरादून/नैनीताल। बिना टीईटी शिक्षा मित्रों पर तलवार लटक गयी है। राज्य सरकार एवं बिना टीईटी पास अभ्यर्थियों की विशेष अपील नैनीताल उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है। साथ ही टीईटी पास अभ्यर्थियों को उच्चतम न्यायालय के ताजा फैसले के आधार पर शिक्षामित्र बनाए जाने का आदेश जारी कर दिया है।
राज्य सरकार एवं बिना टीईटी पास अभ्यर्थियों के साथ ही हल्द्वानी निवासी ललित द्विवेदी एवं अन्य तथा टिहरी गढ़वाल निवासी सूर्यकांत एवं अन्य की विशेष एवं चुनौती याचिकाओं की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति राजीव शर्मा एवं न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की संयुक्त पीठ ने यह फैसला दिया। उल्लेखनीय है कि हल्द्वानी निवासी ललित एवं अन्य ने हाईकोर्ट में विशेष अपील दायर की थी। इसमें बगैर टीईटी पास अभ्यर्थियों को शिक्षा मित्र के रूप में समायोजित करने का अनुरोध किया था जबकि टिहरी निवासी सूर्यकांत व अन्य ने भी विशेष अपील दायर की थीं। इसमें याचिकाकर्ताओं ने कहा कि कोर्ट में मामला लंबित होने के दौरान उन्होंने टीईटी पास कर लिया है। याचिकाकर्ताओं ने शिक्षा मित्र के तौर पर रखे जाने का अनुरोध किया था।यह तय भी महत्वपूर्ण है कि पूर्व में राज्य सरकार ने बिना टीईटी पास अभ्यर्थियों को शिक्षा मित्र बनाए जाने का शासनादेश जारी किया था। इस आदेश को टीईटी पास कर चुके अभ्यर्थियों के चुनौती दी थीं।
एकल पीठ ने इस शासनादेश को शिक्षा अधिकार अधिनियम के खिलाफ बताते हुए निरस्त कर दिया था। बाद में राज्य सरकार एवं टीईटी पास न कर सकने वाले अभ्यर्थियों ने विशेष अपील दायर कर चुनौती दी थी। बुधवार को उच्चतम न्यायालय के ताजा आदेश का उल्लेख करते हुए राज्य सरकार एवं बिना टीईटी पास अभ्यर्थियों की विशेष अपील को खारिज कर दिया है जबकि याचिका के कोर्ट में लंबित होने तक टीईटी कर चुके अभ्यर्थियों को उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुरूप समायोजित किए जाने या यथावत रखने के आदेश जारी कर दिये हैं। इस आदेश के बाद बगैर टीईटी शिक्षा मित्रों का बाहर जाना तय हो गया है जबकि बगैर टीईटी के शिक्षा मित्र से नियमित शिक्षक बनाए गए लोगों को भी बाहर जाना पड़ सकता है।