देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) 25 जुलाई को अपने स्थापना दिवस के अवसर पर विरोध दिवस मनायेगा। यह कार्यक्रम गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में आयोजित किया जायेगा। राज्य सरकारों द्वारा प्रदेश को बदहाल स्थिति में पहुंचाये जाने के विरोध में उक्रांद ने विरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया है। यह जानकारी दल के केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट ने दी है। बताया कि कुमाऊं मंडल में दल के संरक्षक काशी सिंह ऐरी के नेतृत्व में और गढ़वाल मंडल में खुद केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट के नेतृत्व में कार्यकर्ता एक दिवसीय धरना देकर विरोध दिवस मनायेंगे। उन्होंने कहा कि बीते विस चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेतृत्व वाले एनडीए ने बहुप्रचारित किया था कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने पर यूपी के साथ परिसंपत्तियों के बंटवारे के अनसुलझे सवाल को जल्द सुलझा लिया जायेगा लेकिन हो इसके विपरीत रहा है। डबल इंजन ही नहीं बल्कि ट्रिपल इंजन की सरकार भी राज्य को उसकी परिसंपत्तियां नहीं दिला पाई हैं। कहा कि हाल ही में उप्र के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह के बयान से एक बात साफ होती है कि उत्तराखंड की अधिकांश परिसंपत्तियां यूपी के हिस्से में चली गई हैं। राज्य के जलाशयों व उनसे निकलने वाली नहरों पर यूपी का ही कब्जा रहेगा। यहां तक कि हरिद्वार में कुंभ मेला स्थल पर भी उत्तराखंड का कब्जा नहीं रहेगा। सिर्फ 25 प्रतिशत परिसंपत्तियां ही राज्य के हिस्से में आ रही हैं। जबकि 75 प्रतिशत परिसंपत्तियों पर यूपी का ही कब्जा रहेगा। कहा कि राज्य सरकार परिसंपत्तियों के बंटवारे के मामले पर सूबे की जनता को गुमराह कर रही है। उक्रांद नेता ने कहा कि अपने साढ़े तीन माह के कार्यकाल में राज्य सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। ऐसे ही ज्वलंद मुद्दों को लेकर उक्रांद ने अपने स्थापना दिवस के दिन विरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि मांगों को लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से भी मुलाकात की जायेगी। इस अवसर पर युवा नेता विक्रम खत्री के नेतृत्व में 30 युवाओं ने उक्रांद की सदस्यता भी ग्रहण की।