अधिकारियों की कार्यशैली से नाराज है सूबे के ये मंत्री
देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। उन्हें पद का कोई लालच नहीं है। यदि सबकुछ ऐसा ही चलता रहा तो कुर्सी छोडऩे से भी पीछे नहीं हटेंगे। यह कहना है सूबे के वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत का।
वर्तमान में जंगलों की आग को देखते हुए वन विभाग के मुखिया जयराज के विदेश दौरे की अनुमति से प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत खासे नाराज है। इस मामले में उन्हें बाईपास करने पर डॉ, रावत ने प्रमुख सचिव कार्मिक को पत्र लिखकर गहरी नाराजगी जताई। साथ ही दो टूक कहा है कि उनसे संबंधित विभागों के विभागाध्यक्षों को विदेश दौरों के संबंध में अनिवार्य रूप से उनका अनुमोदन प्राप्त किया जाए। पत्रकारो से बातचीत के दौरान डॉ. रावत ने कहा कि वनों की आग के लिहाज से यह बेहद संवेदनशील वक्त है, ऐसे में विभाग प्रमुख को विदेश दौरे की अनुमति देना गलत है। उनका कहना था कि यह पहली बार नहीं है, बल्कि पूर्व में उनके विभागों में कार्मिकों की तैनाती से लेकर विदेश दौरों पर भेजने के संबंध में उन्हें अंधेरे में रखा गया। यह परिपाटी ठीक नहीं है।
वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने कहा कि उन्हें खुद के और अधिकारियों के अधिकारों के बारे में जानकारी है। गुड गवर्नेंस के लिए रूल्स आफ बिजनेस का उल्लंघन करना ठीक नहीं है। अधिकारियों की कार्यशैली से नाराज वन मंत्री ने कहा कि उन्हें पद का कोई लालच नहीं है। अगर इसी तरह का रवैया उनके साथ जारी रहा तो वह अपनी कुर्सी छोड़़ने में भी देरी नहीं करेंगे। उनका साफ कहना था कि नौकरशाही मंत्रियों व विधायकों को कुछ समझ ही नहीं रही। उस पर अंकुश जरूरी है। वन मंत्री का कहना है कि निचले स्तर के अधिकारियों की फाइल तो अनुमोदन के लिए उनके पास आईए मगर विभाग के मुखिया को अनुमति देने से संबंधित फाइल उन तक नहीं पहुंची।