देहरादून। उत्तराखंड में इंवेस्टर समिट से पूर्व प्रदेश की त्रिवेन्द्र सरकार द्वारा जिस तरह से एक योजनाबद्ध ढंग से कार्य किया गया, उसके तहत प्रदेश में लगभग 80 हजार करोड निवेश के एमओयू गतिमान है। जिसमें से अब तक 75 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों पर MOU हो चुके हैं। यही नही जनपदों में भी अधिकाधिक निवेश के MOU किये जा चुके हैं।
डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड-2018 इंवेस्टर्स समिट की तैयारियों के संबंध में मीडिया से वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि अब तक सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 27 हजार करोड, स्वास्थ्य के क्षेत्र में 14 हजार करोड, मैनुफैक्चरिंग के क्षेत्र में 11 हजार करोड, पर्यटन के क्षेत्र में 13 हजार करोड, आईटी के क्षेत्र में 05 हजार 05 सौ करोड, खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 05 हजार के एमओयू किये जा चुके हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया किजनपदों में भी अधिकाधिक निवेश के एमओयू किये जा चुके हैं, जिसमें हरिद्वार में 30, उधमसिंह नगर में 66, नैनीताल में 31, देहरादून में 69, टिहरी में 20, पौडी गढवाल में 38, चमोली में 30, अल्मोडा में 20, रूद्रप्रयाग में 10, चम्पावत में 19, उत्तरकाशाी में 11, पिथौरागढ में 11, बागेश्वर में 04 उद्योगों में 1638.57 करोड की लागत के कुल 359 उद्योग स्थापित किये जायेंगे जिसमें 13860 स्थानीय युवाओं को सीधे लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंवेस्टर्स समिट में हमने पहाडी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश पर विशेष ध्यान दिया है तथा टूरिज्म एंड हाॅस्पिटैलिटी, फूड प्रोसेसिंग हाॅर्टीकल्चर, फ्लोरीकल्चर, जडी बूटी एवं सगंध पौध, फार्मा नेचुरल फाइबर, सौर ऊर्जा, बायोटेक्नोलाॅजी में अधिकाधिक निवेश के एमओयू किये गये है। इस निवेश से न केवल राज्य की आर्थिक स्थित मजबूत होगी बल्कि राज्य में औद्योगिक वातावरण को मजबूत बनायेगा तथा स्थानीय उत्पादों को उचित बाजार दिलायेगा तथा रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।