देहरादून/बागेश्वर। आप भले विश्वास न करे, लेकिन यह सच है। देवभूमि उत्तराखंड के इस गांव में हालत बेहद खराब है। कारण यहां लगातार पत्थरों की बारिश का होना है। प्रशासन ने भी स्थिति को चिंताजनक बताते हुए खतरे की जद में आए दो दर्जन से अधिक परिवारों कोे सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है। फिलहाल हालात पर प्रशासनिक अधिकारी नजर बनाए हुए है।
हम बात कर रहे है उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के कुंवारी गांव की, जहां मौजूदा समय में हालात बेहद खराब हैं। यहां लगातार पत्थरों की बारिश हो रही है। कपकोट तहसील मुख्यालय से लगभग 95 किमी की दूरी पर स्थित कुंवारी गांव में 10 मार्च की शाम एकाएक भूस्खलन हो गया था, जिसके बाद से गांव के ठीक पीछे स्थित पहाड़ी से लगातार विशालकाय पत्थर गिर रहे हैं। क्षेत्र के हालात जानने के लिए कुंवारी गांव गए कपकोट के एसडीएम रवींद्र सिंह बिष्ट मंगलवार को लौट आए। उन्होंने बताया कि कुंवारी गांव में हालात बेहद चिंताजनक हैं। जिन परिवारों को 2015 में बैकुनीधार में शिफ्ट किया था वह स्थान गंभीर खतरे में है।
उन्होंने बताया कि पहले यहां रह रहे 16 परिवार शिफ्ट किए थे। लगातार पत्थर गिरने के बाद अब सभी 30 परिवारों को शिफ्ट कर दिया है। एसडीएम ने बताया कि इन परिवारों को चौड़ाडब पर टेंटों में रखा गया है। भूस्खलन से लगभग आठ सौ मीटर की दूरी पर स्थित यह स्थान सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि पूरा नया और पुराना कुंवारी गांव खतरे में है। वहां के खेतों में भी बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। ऊपरी पहाड़ी से बिना रुके पत्थरों की बरसात हो रही है जबकि नीचे की ओर से जमीन धंस रही हैं। उन्होंने बताया कि इससे लगे चमोली जिले के देवाल क्षेत्र के झलिया गांव में भी यही स्थिति है।
एसडीएम रवींद्र बिष्ट ने बताया कि गांव में सभी परिवारों के लिए टेंट, छह-छह क्विंटल चावल और आटा, 50 किलो चीनी, कंबल सहित हर तरह का जरूरी सामान पहुंचा दिया है। पुलिस और होम गार्ड के जवानों के साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग के तीन कर्मचारी वहां पर मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि कपकोट के तहसीलदार को स्थिति पर नजर रखने के लिए बदियाकोट भेजा गया है। मेडिकल टीम भी बदियाकोट में तैनात की गई है। किसी तरह की जरूरत पड़ने पर टीम गांव जाएगी।