उत्तराखंड : इस तरह हो रही सांसद आदर्श गांव की पहचान

केदारनाथ विधायक ने सांसद पर किया कटाक्ष
रूद्रप्रयाग/देहरादून। उबड़-खाबड़ रास्ते, मौत को दावत देती सड़क, रास्तों पर बहता गंदा कीचड़ के रूप में सांसद आदर्श गांव देवली भणिग्राम की पहचान हो रही है। गांव के विकास को लेकर जिला प्रशासन ने करीब 13 करोड़ की योजनाओं का ब्ल्यू प्रिंट तैयार किया और गांव को आदर्श स्वरूप देने की दिशा में कदम बढ़ाया, मगर कागजों की योजनाएं धरातल पर नहीं आ पायी और अब ग्रामीण अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।
आपदा से पहले यह गांव खुशहाल हुआ करता था, मगर आपदा का इस गांव पर ऐसा कहर बरपा कि यहां के 53 लोग काल के ग्रास बन गये, तब से लेकर गांव में सूनापन आज भी साफ दिखाई देता है। गांव के आर्थिक व सामाजिक विकास को पट्री पर लाने के लिए गढ़वाल सांसद बीसी खंडूड़ी ने इस गांव को गोद लिया था, तो मायूस ग्रामीणों को आस बंधी थी कि शायद उनके घावों पर मरहम लगेगा और विकास के पहिये के साथ वे भी फिर से आगे बढ़ पाएंगे।मगर समय के साथ ही सभी वादे भी कोरी घोषणाओं में बदलते चले गये।
1491 जनसंख्या वाले इस सांसद आदर्श गांव में नौ छोटे बड़े तोक हैं, यहां पर पालीटेक्निक, सामुदायिक भवन, शौचालय, यात्री शैड, अस्पताल, रोजगार परख प्रशिक्षण केंद्रों समेत दर्जनों योजनाओं को कागजों में तो उकेरा गया, मगर धन के अभाव में सभी योजनाएं फाइलों तक ही सिमट कर रह गयी। यह हाल तो सांसद आदर्श गांव के हैं, जिसके सुनियोजित विकास की पूरे जिले में मिशाल दी जानी थी तो ऐसे में साफ है कि अन्य गांवों के हालात क्या होंगे, इसका अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है।
केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने कहा कि अच्छा होता सांसद गांव के विकास की रूपरेखा मन से लिखते जिससे गांव एक नजीर बनता। उन्होंने सांसद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके प्रधानमंत्री तो सपने बेचते हैं और उन्होंने आदर्श ग्राम के भी सपने बेच दिये हैं, वहीं जिलाधिकारी का कहना है कि जिला योजना में गांव के विकास को लेकर जितना कार्य करवाया जा सकता है, वह विभागों द्वारा करवाया जा रहा है अलग से किसी भी तरह की फंडिग नहीं है।

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