हल्द्वानी। उत्तराखंड में गगास, कोसी समेत कुमाऊं की 11 नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए नेचुरल रिसोर्स डाटा मैनेजमेंट सिस्टम (एनआरडीएमएस) के वैज्ञानिकों ने बरसात का पानी नदियों तक पहुंचाने की कसरत तेज कर दी है। इसमें भटकोट जल भंडार (एक्यूफर) में वारिश का पानी पहुंचाया जाना है।
एनआरडीएमएस के वैज्ञानिकों के अनुसार गगास, कोसी, रुद्र गंगा, पिनाथ गंगा, जंतारी, कल्याणी आदि नदियां तेजी से सूख रही हैं। इन नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए एनआरडीएमएस ने भटकोट में वारिश के पानी का भंडारण करने की योजना बनायी है। इससे कई नदियों को पुनर्जीवन मिलने की उम्मीद है। रबी की फसल का काम पूरा होते ही इस काम में जुट एक दर्जन से अधिक गांवों के लोग जुट जाएंगे। एनआरडीएमएस निदेशक ने बताया कि भटकोट पहाड़ के गर्भ में जल भंडार है। इसी जल भंडार से ही 11 नदियों का जीवन जुड़ा हुआ है। यह जल भंडार तेजी से कम हो रहा है। इस जल भंडार को भरने के लिए वारिश का पानी भटकोट तक पहुंचाया जाना है। इसके लिए जगह जगह खाव (एक तरह का तालाब) बनाए जाने जरूरी है। उन्होंने बताया कि इसके लिए भटकोट से जुड़े एक दर्जन से अधिक गांव के लोग तैयार हो गए हैं।