उत्तराखंड: त्रिवेन्द्र कैबिनेट ने लिये ये फैसले

देहरादून। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए अध्यादेश लाने के साथ ही आंदोलित राज्य कर्मचारियों की कई लंबित मांगों पर मुहर लगायी गयी। इसके अलावा कई अन्य प्रस्तावों पर भी कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति दी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में दो दर्जन से अधिक दो दर्जन से अधिक प्रस्तावों पर मुहर लगायी गयी। हालांकि इस दौरान कैबिनेट ने 20 प्रतिशत राजस्व वृद्धि वाली नई आबकारी नीति पर कई संशोधन के सुझाव देकर स्थगित कर दिया। बैठक में दो मंत्री मदन कौशिक और अरविंद पांडेय मौजूद नहीं रहे।
कर्मचारियों को राहत 
कैबिनेट ने आंदोलित कर्मचारियों को आवास किराया भत्ता बढ़ा दिया हैं। तीन श्रेणियों बी 2, सी और अवर्गीकृत क्षेत्रों में अब 5, 7 और 9 प्रतिशत एचआरए की जगह 8, 10 और 12 प्रतिशत मिलेगा। इससे सरकार पर 45 करोड़ मासिक का बोझ पड़ेगा। सरकारी आवासों पर फ्लैट रेंट में चार गुणा बढ़ोतरी को घटाकर दो गुणा कर दिया है। स्वैच्छिक परिवार नियोजन भत्ते और सचिवालय भत्ता बरकरार रखा है। पुलिस में सीआईडी, इंटेलिजेंस, एसटीएफ और सतर्कता को मिलने वाला प्रोत्साहन भत्ता दोबारा मिलेगा।
एक फरवरी से भर्तियों में आरक्षण 
सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को एक फरवरी से लागू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार अध्यादेश लेकर आएगी। युवा पेशेवर और अंतशिक्षुता (इंटरनशिप) नीति को मंजूरी दे दी है। सरकारी कामकाज एवं कार्यों में संस्कृति विकसित की जाएगी। इसके अलावा दिव्यांग युवाओं को नौकरियों के लिए भरने वाले फार्म में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बराबर फीस देनी होगी।
मंत्रिमंडल के अन्य प्रमुख फैसले
– सरकार ने स्वास्थ्य में कैंसर के इलाज की सुविधा देने के लिए हल्द्वानी मेडिकल कालेज में कैंसर सेंटर खोलने को मंजूरी दी है। 152 पद सेंटर के लिए सृजित कर दिए हैं।
– महिलाओं में स्वरोजगार को बढ़ाना देने लिए महिला समूहों को पांच लाख रुपये का ब्याज मुक्त ऋण देने का फैसला लिया है। कोई भी महिला समूह चालू अथवा नए कार्य के लिए यह ऋण ले सकता है।
– आंचल अमृत योजना शुरू करने का लिया निर्णय ।
– दीन दयाल उपाध्याय किसान गरीब सीमांत कृषक एवं अकृषक योजना को दी मंजूरी
– उत्तराखंड खाद्य सुरक्षा संवर्ग का ढांचा पारित। 141 पदों से घटाकर 128 पद किए। खाद्य आयुक्त का एक पद, संयुक्त आयुक्त का एक पद, उपायुक्त के 6 पद, अभिनीत अधिकारी के 14 पद, वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी के 40 पद स्वीकृत।
– कार्बेट नेशनल पार्क से होने वाली आय अब सरकार के खजाने में जाएगी। इससे पहले टाइगर फाउंडेशन ट्रस्ट को राजस्व मिलता था। अब सरकार मिलने वाले राजस्व के सापेक्ष ट्रस्ट को अनुदान देगी।
– सहकारी समिति संशोधन नियमावली पारित हुई। इससे समितियों के चुनाव में सुधार आएगा। जिन समितियों में एकल मतदाता है, वहां उसके नामांकन में प्रस्तावक की अनिवार्यता खत्म की।
– कृषि उत्पाद मंडी अधिनियम 2011 में संशोधन किया। पुष्प विकास में अब उपकर नहीं लगेगा।
– राजकीय संपोषणीय कृषि मिशन के तहत राष्ट्रीय बैम्बू मिशन को वन विभाग से हटाकर कृषि विभाग में शामिल।
– राज्य विधिक सेवानियमावली में संशोधन। सफाई कर्मी का पदनाम पर्यावरण मित्र कर उसका मानदेय दो हजार से बढ़ाकर 4980 रुपये मासिक किया।
– अक्षयपात्र फाउंडेशन के प्रोजेक्ट में भवन निर्माण के लिए भवन ऊंचाई में 7.5 मीटर के मानक को बढ़ाकर 12 मीटर किया गया।
– सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया देहरादून में लीज में शिथिलीकरण कर 31 मार्च 2020 तक बढ़ा दिया गया।
– महाधिवक्ता नैनीताल कार्यालय में भवन निर्माण के लिए भू उपयोग बदलने को मंजूरी।
– अक्षय ऊर्जा विकास प्राधिकरण की सेवानियमावली मंजूर।
– उत्तराखंड जनजातीय कल्याण राजपत्रित कर्मचारी सेवानियमावली पारित।
– ग्राम विकास राठ विकास अभिकरण को सहकारिता में विलय कर दिया गया।
– उत्तराखंड कारखाना संशोधन नियमावली लागू।
– ऊर्जा विभाग के तीनों निगमों के एकीकरण के नियम मंजूर।
– पूर्व मुख्यमंत्रियों का बकाया हाउस रेंट माफ कर दिया गया।

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