उत्तराखंड: दमन और उत्पीड़न को लेकर पत्रकार हुए मुखर

राज्यपाल और राष्ट्रपति को देंगे ज्ञापन, असंवैधानिक कृत्यों के लिए डीआईजी सहित दरोंगाओं के विरुद्ध कार्यवाही की माँग

देहरादून। उत्तराखंड पत्रकार संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वाधान में आज सोशल डिस्टेंश का अनुपालन करते हुये लगभग 18-19 पत्रकार संगठनों एवं विभिन्न पोर्टलों एवं समाचार पत्रों के पत्रकारों ने आज एक सर्व सम्मत से निर्णय लिया कि 4 अगस्त मंगलवार को प्रदेश की राज्यपाल को एक ज्ञापन देंगे और पुलिस द्वारा एक एफआईआर पर पत्रकार राजेश शर्मा की हुई गिरफ्तारी तथा उसमें पुलिस के द्वारा अपनाई गयी असंवैधानिक कृत्य और दुर्दांत और संगीन अपराधी की भाँति 7 घंटे के अन्दर रात्रि 11 बजे घर से बलपूर्वक उठाये जाने और लाक-अप में बंद कर पिटाई किये जाने के विरोध दर्ज करायेंगे।
आज पत्रकारों ने एक व्यक्ति विशेष की एफआईआर पर राजद्रोह जैसे गम्भीर आरोपों का सिर्फ इस बजह से लगाया जाना कि राजेश शर्मा पत्रकार ने प्रदेश में भ्रष्टाचारों और घोटालों के मामलों को प्रमुखता से जनहित में उजागर किया। प्रदेश की सरकार और उसकी पुलिस के द्वारा अपनाई जा रही दमनात्मक व उत्पीड़न की कार्वाही को वर्दास्त नहीं किया जायेगा। पत्रकारों की इस आपात बैठक की अध्यक्षता अनिल वर्मा ने की तथा इस बैठक में संघर्ष समिति के संयोंजक व देवभूमि पत्रकार यूनियन के प्रदेश महामंत्री डा. वीडी शर्मा, अध्यक्ष विजय जायसवाल, भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध वर्किंग जर्नलिस्ट्स आफ इण्डिया के प्रदेश महामंत्री सुनील गुप्ता, संगठन मत्री रजनीश ध्यानी, वेब मीडिया एसोसियेशन उत्तराखंड के प्रदेश महासचिव आलोक शर्मा, संजीव पन्त, गिरीश पन्त, गौरव तिवाडी, अमित सिंह नेगी, राजकुमार छावडा, योगेश कुमार, करन राना, सूर्य प्रकाश शर्मा, राजेश बहुगुणा, डीएस माथुर, रविन्द्र मंमगाईं, अरुण शर्मा, उमाशंकर प्रवीन मेहता, सुशील खरे, मोनू राजपूत, अमित शर्मा आदि पत्रकार उपस्थित थे।
पत्रकारों के उत्पीडन व दमन के विरोध में यूथ कांग्रेस नेता संदीप चमोली ने भी अपना सहयोग व समर्थन की घोषणा की।

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