देहरादून। उत्तराखंड नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन की नई कार्यकारिणी के लिए एक दिन पहले हुई चुनाव प्रक्रिया को एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष कृष्णा रावत ने असंवैधानिक व फर्जी बताया है। कहा कि एसोसिएशन के संविधान के अनुसार 20 अगस्त 2016 को दो वर्षीय कार्यकारिणी के लिए विधिवत रूप से चुनाव हुआ था।
मीडिया को जारी बयान में एसोसिएशन अध्यक्ष कृष्णा रावत ने कहा कि उनकी कार्यकारिणी का कार्यकाल 19 अगस्त 2018 तक है लेकिन इससे पहले कुछ लोगों ने बंद कमरे में बैठक कर असंवैधानिक रूप से चुनाव प्रक्रिया की है जो कि पूरी तरह गलत है। ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी उन्होंने दी है। कहा कि अध्यक्ष के रूप में मेरी सहमति व निर्देश के बिना ना तो नई कार्यकारिणी के लिए चुनाव कराये जा सकते हैं और ना ही पुरानी कार्यकारिणी भंग की जा सकती है। बिना सहमति किसी को पद से हटाया भी नहीं जा सकता है। कहा कि कर्मचारी संगठनों का चुनाव एक निर्धारित संवैधानिक प्रक्रिया के तहत होता है। कार्यकारिणी का कार्यकाल पूरा होने के बाद ही नई कार्यकारिणी के गठन के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू होती है। इसके लिए संगठन स्तर बकायदा चुनाव की अधिसूचना, चुनाव का विस्तृत कार्यक्रम, चुनाव अधिकारी व पर्यवेक्षक की नियुक्ति चुनाव पूर्व की जाती है लेकिन कुछ लोगों ने असंवैधानिक रूप से बंद कमरे में बैठक कर प्रांतीय कार्यकारिणी के लिए चुनाव होना दिखाया गया है जो कि पूरी तरह गलत है।
कृष्णा रावत ने कहा कि नर्सिग संवर्ग की जागरूक नर्सेज के सहयोग से बतौर प्रांतीय अध्यक्ष मैने पिछली कार्यकारिणियों के कार्यकाल का लेखा-जोखा व आय-व्यय का आडिट करने का निर्णय लिया था लेकिन पूर्व पदाधिकारियों द्वारा कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये गये। अब आडिट से बचने के लिए असंवैधानिक रूप से चुनाव कराकर एसोसिएशन पर अनाधिकृत कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। उधर, दूसरे गुट का कहना है कि बीती सात नवंबर को हुई प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक में अनुशासनहीनता की शिकायत मिलने पर कृष्णा रावत को दो/तिहाई बहुमत से एसोसिएशन की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त कर दिया गया था।