उत्तराखंड : प्रमुख वन संरक्षक ने जारी किये ये दो आदेश, अधिकारियों की उड़ी नींद

देहरादून। उत्तराखंड के प्रमुख वन संरक्षक ने दो बड़े आदेश जारी किये है, जिसके बाद से न केवल अधिकारियों की नींद उड़ गयी है, अपितु विभाग में हलचलें भी तेज हो गयी है।
उत्तरांखड के प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने अधिकारियों के नट-बोल्ट कसने शुरू कर दिए हैं। प्रमुख वन संरक्षक ने दो बड़े आदेश जारी किए हैं जिससे अधिकारियों की नींद उड़ गई है। पहले आदेश के तहत प्रमुख वन संरक्षक ने विभाग में लग्ज़री प्राइवेट वाहनों के उपयोग पर रोक लगा दी है तो दूसरे आदेश के तहत सभी अधिकारियों का जंगल में जाना अनिवार्य कर दिया है।
वन विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार पहले आदेश के तहत फ़िज़ूलखर्ची पर अंकुश लगाने के लिए प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने अधिकारियों के किराए पर लिए गए लग्ज़री वाहन लेने पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए। इस आदेश के तहत अब फ़रवरी के बाद कोई भी अधिकारी बिना किसी ठोस कारण के लग्जरी वाहन किराए पर नहीं ले पाएगा। इससे विभाग को सालाना करीब 84 लाख रुपये की बचत होने की उम्मीद है।
दूसरे आदेश के तहत प्रमुख वन संरक्षक ने राज्य और ज़िला मुख्यालय में समय गुज़ारने वाले वन अधिकारियों के लिए जंगल में जाना अनिवार्य कर दिया गया है. ख़ास बात यह है कि खुद विभाग के मुखिया भी जंगल में समय बिताएंगे। आदेश के मुताबिक डीएफओ को जंगल में 15 रात, वन संरक्षक को 13 रात, अपर प्रमुख वन संरक्षक/मुख्य वन संरक्षक 12 रात, प्रमुख वन संरक्षक- वर्किंग प्लान 8 रात और खुद प्रमुख वन संरक्षक 6 रात बिताएंगे। इस आदेश के मुताबिक सभी अधिकारी जंगल में जाकर ज़मीनी स्थितियों की पड़ताल करेंगे और हर हफ़्ते इसकी रिपोर्ट वन मुख्यालय को भेजेंगे। सबूत के तौर पर अधिकारियों को मौके से फ़ोटोग्राफ़्स भी लेनी होंगी।

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