जिला प्रशासन व बीआरओ अधिकारियों में हड़कंप
उत्तरकाशी। गंगोत्री हाईवे पर चीन सीमा को जोड़ने वाला गंगोरी पुल आज टूट गया। इसकी वजह से गंगा घाटी का उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। पुल ध्वस्त होने के बाद जिला प्रशासन व बीआरओ के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे पर अस्सीगंगा नदी पर गंगोरी में बना बैली ब्रिज तीन महीने के भीतर फिर टूट गया है। इससे गंगोत्री घाटी के 45 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया। चीन सीमा को जोड़ने वाला यह एक मात्र गंगोरी पुल 14 दिसंबर 2017 की सुबह भी ओवरलोड ट्रकों के कारण टूटा था। बीआरओ ने मरम्मत कर एक महीने बाद 10 जनवरी से इस पर वाहनों का संचालन शुरू कराया था। जानकारी के अनुसार आज रविवार को करीब पौने 11 बजे एक ओवरलोड डंपर के कारण पुल फिर टूट गया। इससे पहले भी ओवरलोड ट्रकों के कारण पुल टूटा था। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि पुल पर फिर से ओवरलोड ट्रक क्यों गुजरने दिया गया।
पुल ध्वस्त होने के बाद जिला प्रशासन व बीआरओ के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों में इस बात को लेकर चिंता है कि 17 दिन बाद चारधाम यात्रा शुरू होनी है। गंगोत्री धाम जाने के लिए यही एकमात्र पुल है। ऐसे में यात्रा से ठीक पहले पुल के टूटने से बड़ी मुश्किल खड़ी हो गयी है। चारधाम यात्रा सीजन शुरू होने तक नया पुल बनाना बीआरओ के लिए एक बड़ी चुनौती है।
इन क्षेत्रों का कटा सम्पर्क
इस वैली ब्रिज के टूटने से उत्तरकाशी जनपद के भटवाड़ी ब्लाक के असी गंगा, उपला टकनौर, नाल्ड कठूड़ पट्टी के करीब 45 गांवों का सम्पर्क कटा है। इसके साथ ही यह पुल सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण भारत चीन सीमा पर नेलांग, नागा, सोनाम, जादूंग, सुमला, नीला पानी, मेंडी स्थित सेना व भारत तिब्बत सीमा पुलिस आइटीबीपी की चौकियों से भी सम्पर्क कटा। अगर वैकल्पिक पुल का निर्माण जल्दी नहीं होता है तो सेना व आइटीबीपी के चौकियों में राशन आदि का संकट हो सकता है।