इतने श्रद्धालुओं तक पहुंच का रखा गया लक्ष्य
देहरादून। उत्तराखंड सरकार अब चारधाम समेत प्रदेश के 625 मंदिरों में स्थानीय स्थानीय उत्पादों से निर्मित प्रसाद को प्रोत्साहित करेगी। प्रसाद में
तीन खास चीजों को शामिल किया गया है। इस साल 80 लाख तीर्थयात्रियों तक इस प्रसाद की पहुंच बनाने का लक्ष्य रखा है।
तीन खास चीजों को शामिल किया गया है। इस साल 80 लाख तीर्थयात्रियों तक इस प्रसाद की पहुंच बनाने का लक्ष्य रखा है।
किसानों की आय दोगुना करने, कृषि के अलावा अन्य साधनों को उनकी आमदनी से जोड़ने व महिला सशक्तीकरण हेतु सरकार ने मंदिरों के प्रसाद को जरिया बनाया है। राज्य में कुल 625 श्राइन (मंदिर या तीर्थस्थान) हैं। इनमें प्रत्येक में देवभोग नाम का यह प्रसाद उपलब्ध कराया जाएगा। प्रसाद में तीन खास चीजों को शामिल किया गया है। खास बात यह है कि बांस की खूबसूरत कंडी में पैक प्रसाद को बनाने में इस्तेमाल की गई सामग्री का भी ब्योरा पैकेट पर दर्ज होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह प्रयास सरकार के उस लक्ष्य को भी सार्थक करने में मदद करेगा, जिसमें किसानों की आय को दोगुना करने की बात है। इस प्रसाद का निर्माण स्थानीय स्वयं सहायता समूह करेंगे और बिक्री के लिए संबंधित मंदिर के नजदीक निशुल्क स्थान की उपलब्धता सरकार के स्तर से सुनिश्चित कराई जाएगी।

इन चीजों से बनेगा प्रसाद
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे स्थानीय फसलों और बीजों को भी प्रोत्साहन और संरक्षण मिलेगा। उन्होंने बदरीनाथ धाम का उदाहरण भी दिया, जहां बीते वर्ष तीन महिला स्वयं सहायता समूहों ने स्थानीय उत्पाद मंडुवे, कुट्टू और चौलाई से प्रसाद तैयार किया। बांस और रिंगाल से बनी टोकरियों में इसकी पैकेजिंग की गई। बताया कि 10-10 महिलाओं के तीन समूहों ने बदरीनाथ धाम में मात्र दो महीने में 19 लाख रुपये का ऑर्गेनिक प्रसाद बेचा।