उत्तराखंड : विवाद के बीच स्पीकर के बेटे का इस्तीफा

पूरे उपनल की जांच जरूरी: अग्रवाल
देहरादून। उत्तराखंड के विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के बेटे ने जल संस्थान में संविदा पर मिली सहायक अभियंता की नौकरी छोड़ दी है। अग्रवाल ने स्वयं इस मामले की जानकारी पत्रकारों को दी। इसके अलावा उन्होंने पूरे उपनल की जांच जरूरी होने की बात भी कही।
यमुना कालोनी स्थित आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनका बेटा पढ़ा लिखा है, योग्य है। उसने अपने स्तर से प्रयास किया था और अपना सेटेलमेंट किया था। उन्होंने कहा कि वे उत्तराखंड में पैदा हुए और 38-40 साल के राजनीतिक कैरियर में बहुत सारे आंदोलन किये और जनता की आवाज उठायी। उनके आज तक के कैरियर में कोई भी लांछन नहीं लगा। उन्होंने कहा कि राजनीति काजल की कोठरी होने के बाद भी उन्होंने राजनीति में सुचिता को प्राथमिकता दी। उन्होंने अपने वेटे के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल नहीं किया और यदि वह ऐसा करते तो उसे बड़ी नौकरी दिलाते। बेटे का चयन पूरी तरह से उसके अपने प्रयासों से हुआ।
अग्रवाल ने बताया कि उनके बेटे ने शनिवार शाम को ही उपनल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। अग्रवाल ने कहा कि बेटे को कोई स्थायी नौकरी नहीं मिली थी। वह सिर्फ टेम्परेरी बेस पर था। बेटे के बहाने उनकी छवि को तार-तार करने का प्रयास हुआ और संवैधानिक पद को भी नहीं बख्शा गया। उन्होंने कहा बस अब हो गया है, मेरी तरफ से पूरा मामला खत्म है। उन्होंने सवाल उठाया कि उपनल के माध्यम से 24000 लोगों को आउटसोर्स किया गया है। इसमें 20 हजार से ज्यादा ऐसे लोग हैं जो न तो पूर्व सैनिक हैं और न ही उनके आश्रित। आउटसोर्स किये गये ये लोग विभिन्न विभागों में अनेक पदों पर तैनात हैं। उनकी पीड़ा थी कि जब इतने लोग गैर पूर्वसैनिक हैं तो सिर्फ उनके बेटे के प्रकरण को ही तूल क्यों दिया गया। भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट के बयान पर कि मामले की जांच होनी चाहिए, अग्रवाल ने कहा कि पूरे उपनल की जांच की जरूरत है।

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