देहरादून। प्रदेश के सबसे बड़े महकमें के कार्मिकों ने भी शहीद परिवारों की मदद के लिए सराहनीय पहल की है। शिक्षकों ने अपना एक दिन का वेतन देने का ऐलान किया है। प्राथमिक शिक्षक संघ ने इस संबंध में शिक्षा निदेशक को पत्र भेज दिया है कि सभी प्राथमिक शिक्षकों के वेतन से एक दिन का वेतन काटकर शहीदों के परिजनों की मदद के लिए भेज दिया जाए। इसके बाद राजकीय शिक्षक संघ ने भी एक दिन का वेतन देने का निर्णय लिया है। राजकीय शिक्षक संघ अपने द्वारा संग्रहित राशि सीधे सीआरपीएफ के डीजी को देगा। राशिसं ने ब्लाक स्तर पर सभी शिक्षकों से एक दिन के वेतन की राशि एकत्र कराने का निर्णय लिया है। यह राशि जिलास्तर पर एकत्र की जाएगी। इसके बाद प्रदेश के सभी जनपदों में एकत्र राशि का चेक बनाकर मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा। यह चेक महानिदेशक सीआरपीएफ के नाम से होगा। संघ नेताओं का कहना है कि वेतन से सहायता राशि काटने पर वह प्रधानमंत्री विवेकाधीन कोष में जाती है। विवेकाधीन कोष से मदद की प्रक्रिया में विलंब हो सकता है, इसलिए संघ ने निर्णय लिया है कि उक्त राशि सीधे सीआरपीएफ को दे दी जाए और सीआरपीएफ उन शहीद जवानों के परिजनों को यह राशि बांट देगी। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के सभी विधायकों ने अपने एक माह का वेतन देने का निर्णय विधानसभा के भीतर इस घटना के तुरंत बाद लिया था। आईएएस एसोसियेशन ने भी एक दिन का वेतन देने का निर्णय लिया था। कई अन्य कर्मचारी संगठन भी शहीदों के परिवारों की मदद के लिए आगे आये हैं।