21 विधायकों की विधायक निधि का खर्च नहीं हुआ एक भी रूपया
171 करोड़ से अधिक की विधायक निधि खर्च होने को शेष
देहरादून। विधायक निधि खर्च करने में उत्तराखंड के नये विधायक रूचि नहीं दिखा रहे है। वर्ष 2017-18 में उत्तराखंड के नामित विधायक सहित 71 विधायकों को उपलब्ध 195.25 करोड़ की विधायक निधि में से केवल 12 प्रतिशत 23.29 करोड़ रूपये की धनराशि ही दिसम्बर 2017 तक खर्च हो सकी है। 21 विधायकों का तो एक भी रूपया खर्च नहीं हो सका है। सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से यह सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है।
सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड के ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय से विधायक निधि खर्च सम्बन्धी सूचना मांगी थी। जिसके उत्तर में लोक सूचना अधिकारी/आयुक्त (प्रशासन) डा0 जी0एम0खाती द्वारा विधायक निधि वर्ष 2017-18 का विवरण दिसम्बर 2017 उपलब्ध कराया है जिसमंे दिसम्बर 2017 के अंत तक की विधायक निधि खर्च का विवरण दिया गया है।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड के 71 विधायकों को 275 लाख रूपये प्रति विधायक की दर से 19525 लाख रूपये की विधायक निधि वित्तीय वर्ष 2017-18 में उपलब्ध करायी गयी। दिसम्बर 2017 तक इसमें से केवल 2329.78 लाख की धनराशि ही खर्च हुई। 17195.22 लाख की धनराशि जनवरी 2018 के शुरू में खर्च होने को शेष है।
उत्तराखंड के 71 विधायकों में 21 विधायक ऐसे है जिनका पूरे वर्ष 2017 में विधायक निधि का एक भी रूपया खर्च नहीं हुआ। इसके अतिरिक्त 7 विधायकों की केवल 1 प्रतिशत, 2 विधायकांे की 2 प्रतिशत, 2 विधायकों 3 प्रतिशत, 2 विधायकों की 4 प्रतिशत, 3 विधायकों की 5 प्रतिशत, 7 विधायकों की 6 से 10 प्रतिशत ही विधायक निधि खर्च हो सकी है। 12 विधायकों की 11 से 20 प्रतिशत, 6 विधायकों की 21 से 30 प्रतिशत, 1 विधायकों की 31 से 40 प्रतिशत, 6 विधायकों की 41 से 50 प्रतिशत तथा केवल 2 विधायकों की 50 प्रतिशत से अधिक विधायक निधि खर्च हुई है।
सर्वाधिक विधायक निधि खर्च करने वाले विधायकों मेें 64 प्रतिशत विधायक निधि खर्च वाले नामित विधायक जी.आई.जी.मैन तथा 63 प्रतिशत खर्च वाले पुरौला विधायक राज कुमार है। जिन विधायकों की विधायक निधि का एक भी रूपया 2017 में खर्च नहीं हुआ है 21 विधायकों में से 6 विधायक ऐसे है जिन्होंने विधायक निधि से कोई कार्य ही स्वीकृत नहीं किया है। इन विधायकों में टिहरी जिले के शक्ति लाल शाह, रूद्रप्रयाग जिले के दोनों विधायक मनोज रावत, भरत सिंह चौधरी, अल्मोड़ा जिले के श्रीमति रेखा आर्य, करन मेहरा उधमसिंह नगर जिले के आदेश कुमार चौहान शामिल है।
इसके अतिरिक्त जिन विधायकों ने कार्य तो स्वीकृत किये है लेकिन कोई धनराशि खर्च नहीं हुई है इन विधायकांे में पौड़ी जिले के विधायक ध्नसिंह, दिलीप सिंह रावत उधमसिंह नगर जिले के राजकुमार ठुकराल, प्रेम सिंह राणा, राजेश शुक्ला, सौरभ बहुगुणा, नैनीताल के दीवान सिंह बिष्ट, नवीन चन्द्र दुम्का, इन्दिरा ह्रदयेश, संजीव आर्य अल्मोड़ा के सुरेन्द्र सिंह जीना, हरिद्वार के संजय गुप्ता, ममता राकेश, पिथौरागढ़ जिले के हरीश सिंह धामी शामिल है।
विधायक निधि खर्च के मामले में रूद्रप्रयाग जिले के विधायक सबसे पीछे रहे है जिनकी कोई धनराशि खर्च नहीं हुई है। इसके बाद 2 प्रतिशत खर्च वाला अल्मोड़ा फिर 3 प्रतिशत खर्च वाला चमोली जिला है। अन्य जिलों के विधायकों की विधायक निधि में पिथौरागढ़ की 4 प्रतिशत, नैनीताल की 5 प्रतिशत, पौड़ी व उधमसिंह नगर जिले की 6-6 प्रतिशत, टिहरी व हरिद्वार जिले की 9-9 प्रतिशत, बागेश्वर की 18 प्रतिशत, चम्पावत की 19 प्रतिशत, उत्तरकाशी की 29 प्रतिशत तथा देहरादून की सर्वाधिक 34 प्रतिशत विधायक निधि दिसम्बर 2017 तक खर्च हुई है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की 50 प्रतिशत विधायक निधि खर्च हुई है जबकि नेता प्रतिपक्ष इन्दिरा ह्रदयेश की विधायक निधि का दिसम्बर 2017 तक एक भी रूपया खर्च नहीं हुआ है।
सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज की 10 प्रतिशत, संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत 1 प्रतिशत, वन एवं पर्यावरण मंत्री डा0 हरक सिंह रावत 14 प्रतिशत, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की 8 प्रतिशत, परिवहन व समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य की 5 प्रतिशत, शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय की 6 प्रतिशत, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल की 6 प्रतिशत विधायक निधि खर्च हुई है जबकि राज्य मंत्री रेखा आर्य तथा डा0 धन सिंह रावत की विधायक निधि का एक भी रूपया दिसम्बर 2017 तक खर्च नहीं हुआ है।