हरिद्वार। प्रदेश के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, जिलाधिकारी हरिद्वार सहित आठ अधिकारियों के खिलाफ मातृसदन के ब्रहमचारी दयानंद सरस्वती ने न्यायालय में परिवाद दाखिल किया है।
यह जानकारी देते हुए अधिवक्ता अरुण कुमार भदौरिया ने बताया कि उत्तराखंड शासन के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आनंदवर्धन, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, जिलाधिकारी हरिद्वार दीपक रावत, एडीएम प्रशासन भगवत किशोर मिश्रा, एसडीएम हरिद्वार मनीष कुमार सिंह, प्रबंध निदेशक उत्तराखंड वन विकास एसटीएस लेप्चा एवं प्रभागीय लौगिंग प्रबंधक ज्वालापुर आईपीएस रावत के खिलाफ मातृसदन जगजीतपुर के ब्रहमचारी दयानंद ने एक परिवाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में दाखिल किया। वाद में उन्होंने कहा है कि उनके गुरु स्वामी शिवानंद महाराज अवैध खनन के खिलाफ काफी दिनों से संघर्षरत हैं। उन्होंने अपने परिवाद में आरोप लगाया है कि 7 दिसंबर को साढ़े 11 बजे विपक्षी मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी हरिद्वार एवं अपर जिलाधिकारी प्रशासन के कहने पर विपक्षी एसडीएम हरिद्वार मनीष कुमार सिंह अपने साथ दर्जनों पुलिस वालों को लेकर आश्रम का गेट जबरदस्ती खुलवाकर घुस आए और जबरदस्ती ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को एंबुलेंस में डालकर किसी अन्य जगह पर ले गए हैं। जबकि ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद शांतिपूर्वक रूप से अपना अनशन कर रहे थे, उन को ले जाने की कोई लिखित या मौखिक सूचना अभी तक नहीं दी गई है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया है उत्तराखंड शासन के अधिकारी पूर्व में भी माफियों के इशारे पर दो संतों की हत्या कर चुके हैं। उसी प्रकार आत्मबोधानंद को भी हत्या के उद्देश्य उठाकर ले जाया गया है। परिवाद पर सुनवाई करने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आशुतोष मिश्रा ने परिवाद को सुनवाई के लिए प्रथम अपर सिविल जज वरिष्ठ वर्ग, न्यायिक मजिस्ट्रेट हरिद्वार के न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया है। परिवाद में सुनवाई के लिए 11 दिसंबर की तिथि नियत की गई है।