उत्तराखण्ड : चंद लोगों ने किया मुख्यमंत्री व खेल मंत्री को गुमराह

17 वर्षों से लंबित है उत्तराखण्ड राज्य क्रिकेट की मान्यता का मामला, मुख्यमंत्री निर्णय में देरी न करें: दिव्य नौटियाल
देहरादून। उत्तराखण्ड क्रिकेट एसोसिएशन (यूसीए) के ​सचिव दिव्य नौटियाल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील की है कि वो उत्तराखण्ड राज्य क्रिकेट को बीसीसीआई से मान्यता दिलाने के लिये जरूरी कदम जल्द उठाएं। गौरतलब है कि पिछले 17 वर्षों से उत्तराखण्ड राज्य की क्रिकेट की मान्यता का मामला लंबित है। जिसके लिये मुख्यतौर पर प्रदेश में ​कार्यरत क्रिकेट एसोसिएशनों की आपसी खींचतान जिम्मेदार है।
यूसीए के सचिव श्री नौटियाल ने कहा कि, प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी ने उत्तराखण्ड राज्य क्रिकेट को बीसीसीआई से मान्यता दिलाने के लिये बीती 16 अक्टूबर को एक बैठक बुलाई थी। बैठक में खेल मंत्री, मुख्य सचिव, खेल सचिव के अलावा प्रदेश में कार्यरत चारों क्रिकेट एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।
नौटियाल के अनुसार, बैठक में उत्तरांचल क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव चंद्रकांत आर्य ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि, इस बाबत केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 30 अक्टूबर को होनी है, इसलिये इससे पूर्व कोई फैसला लेना ठीक नहीं होगा। इस कारण बैठक में कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया। चंद्रकांत आर्य ने मुख्यमंत्री, खेलमंत्री और आला अधिकारियों को गुमराह किया।
श्री दिव्य नौटियाल ने कहा कि, इन्हीं लोगों ने प्रदेश के खेल मंत्री और बीसीसीआई को गुमराह करने का भी काम किया। जिसके चलते देहरादून में आयोजित होने वाला रणजी मैच अंतिम समय में यहां से हटकर लखनऊ में शिफ्ट हो गया। जिसके चलते राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश सरकार की किरकिरी होने के साथा, प्रदेश के खिलाड़ियों व दर्शकों का भारी मायूसी हुई।
नौटियाल के मुताबिक, उत्तराखण्ड राज्य क्रिकेट को मान्यता संबंधी दस्तावेज बीसीसीआई द्वारा 18 जुलाई 2016 को सुप्रीम कोर्ट को ही सौंपे जा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखण्ड क्रिकेट की मान्यता से जुड़े किसी भी केस की सुनवाई अब लंबित नहीं है। ऐसे में अब मुख्यमंत्री को अपने स्तर से बीसीसीआई को मान्यता के लिये पत्र लिखने में कोई बाधा नहीं है। वैसे भी बीसीसीआई द्वारा उत्तराखण्ड की मान्यता संबंधी दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट को सौंपने के बाद भी एक वर्ष से ज्यादा का समय बीत चुका है।
​दिव्य नौटियाल ने कहा कि, मुख्यमंत्री के पत्र का संज्ञान लेकर बीसीसीआई राज्य में कार्यरत चारों क्रिकेट एसोसिएशनों की जमीनी हकीकत को परखेगा। इसके बाद बीसीसीआई मान्यता का फैसला करेगा। उन्होंने यह भी कहाकि, अभी हाल ही में पुडुचेरी के मुख्यमंत्री ने अपने प्रदेश में क्रिकेट को मान्यता दिलाने के लिये बीसीसीआई को पत्र लिखा था, जिसके चलते चंद महीनों में ही पुडुचेरी को मान्यता मिल गयी।
श्री नौटियाल ने कहा कि चंद लोग प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं खेल मंत्री को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से अपील करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड राज्य क्रिकेट की मान्यता के लिये बीसीसीआई को बिना देरी किये मुख्यमंत्री को पत्र लिखना चाहिए। जिससे उत्तराखण्ड की खेल प्रतिभाओं को अपने राज्य से खेलने का अवसर मिल सके और प्रदेश में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों का आनंद प्रदेशवासी ले सकें।
श्री नौटियाल ने मुख्यमंत्री से यह मांग भी की है कि वे इस मसले में हस्तक्षेप करके बीसीसीआई और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व खेल मंत्री के साथ ही खेल अधिकारियों से कहें कि उत्तराखण्ड क्रिकेट के मामले में यूपीसीए दखलंदाजी करना अविलंब बंद कर दे।

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