देहरादून। राज्य सरकार द्वारा 5034 गेस्ट टीचर की नियुक्ति के फैसले पर एलटी शिक्षकों की नियुक्ति पर लगी रोक हटाने का कोई असर नहीं पड़ेगा। कैबिनेट में गेस्ट टीचरों की नियुक्ति का प्रस्ताव लाने से पहले ही चयन प्रक्रिया में चल रहे एलटी शिक्षकों के 1214 पदों को कम कर दिया गया था। ऐसे में जहां जल्द ही 1214 एलटी संवर्ग के स्थायी सहायक अध्यापक मिल जाएंगे वहीं गेस्ट टीचरों की नियुक्ति भी होगी। उल्लेखनीय है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को राज्य सरकार ने 1214 एलटी शिक्षकों के चयन का अध्याचन दिया था। लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में इस भर्ती को रोकने की अर्जी लगायी थी और उसके बाद रोक लग गयी थी। शिक्षा विभाग शिक्षकों की कमी को देखते हुए रोक हटाने के लिए अपना पक्ष रख रहा था और बुधवार को हाईकोर्ट ने यह रोक हटा दी है। इस बीच चयन आयोग ने पांच राउंड में अभ्यर्थियों के अभिलेख जांचने का काम भी पूरा कर लिया है। ऐसे में जल्दी ही शिक्षा विभाग को चयनित शिक्षकों की सूची भेजने की तैयारी शुरू हो गयी है। पोस्टिंग का काम शिक्षा विभाग करेगा। अच्छी बात यह है कि इन शिक्षकों की नियुक्ति के चलते गेस्ट टीचर की संख्या में कमी नहीं होगी। गत शुक्रवार को मंत्रिमंडल ने राज्यभर में 5034 गेस्ट टीचरों की नियुक्ति का फैसला लिया था। इसमें 4200 प्रवक्ता संवर्ग के हैं जबकि 834 एलटी संवर्ग के। हाईकोर्ट पहले ही गेस्ट टीचरों के मामले में योग्यता को वरीयता देने के निर्देश दे चुका है। ऐसे में सरकार ने तय किया है कि गेस्ट टीचर को अनुभव के आधार पर 12 अंक दिये जाएंगे। प्रवक्ता राज्य स्तर पर आवेदन करेंगे और सेवा के लिए जिले का विकल्प देना होगा, जबकि सहायक अध्यापक मंडलीय स्तर पर आवेदन के साथ अपने लिए जिले का विकल्प भी भरेंगे। इस बाबत शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडे का कहना है कि गेस्ट टीचरों की नियुक्ति का कैबिनेट नोट बनाने से पहले भर्ती के लिए दिये गये अध्याचन को भी देखा गया था। जितने पद अध्याचन के जरिये भेजे गये थे, उन्हें कम करके ही गेस्ट टीचर की नियुक्ति करने का निर्णय लिया गया है। इसलिए आयोग द्वारा की जाने वाली किसी भी भर्ती से गेस्ट टीचर के पद प्रभावित नहीं होंगे।