देहरादून। राजकीय कर्मचारियों, शिक्षकों और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए सरकार ने नई व्यवस्था लागू कर दी है। उन्हें हड़ताल में शामिल न होने का शपथ पत्र देना होगा। इसी एवज में सरकार ने उनके पूर्व के हड़ताल अवधि को उपार्जित अवकाश में तब्दील किया है। उत्तराखंड कार्मिक-शिक्षक, आउटसोर्स संयुक्त मोर्चा ने लंबित मांगों के हल को लेकर अगस्त माह में तीन दिन का कार्य बहिष्कार किया था। जनवरी 2013 में सरकार ने फैसला लिया था जो कर्मचारी-शिक्षक हड़ताल करेंगे, उन्हें वेतन जारी नहीं किया जाएगा। कार्मिक विभाग ने इस आदेश में संशोधन करते हुए पूर्व में हड़ताल अवधि के दिनों को उपार्जित अवकाश में शामिल किया है। अपर सचिव (कार्मिक) एसएस वल्दिया के हस्ताक्षर से जारी आदेश में साफ है कि कर्मचारी-शिक्षकों और आउटसोर्स कर्मचारियों को शपथ पत्र देना होगा कि वे भविष्य में वे हड़ताल में शामिल नहीं होंगे। अब सरकार ने नो वर्क नो पे को भी सख्ती से लागू करने का भी निर्णय लिया है।