देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। लोक निर्माण विभाग के निलम्बित अधिशासी अभियंता अनुपम सक्सेना के समय जारी हुई सीसीएल एवं प्रान्तीय खण्ड पौडी में निर्माण कार्येां में हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य कार्यक्रम समन्वयक राजेन्द्र शाह ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें शिकायती पत्र सौंपा।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को सौंपे शिकायती पत्र में कांग्रेस पार्टी के मुख्य कार्यक्रम समन्वयक राजेन्द्र शाह ने मुख्यमंत्री का ध्यान लोक निर्माण विभाग, प्रान्तीय खण्ड पौड़ी गढ़वाल के अधिशासी अभियंता रहे तथा वर्तमान में धारचूला खण्ड में तैनात अनुपम सक्सेना पर लगे भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोपों की ओर आकृष्ठ कराते हुए कहा कि श्री सक्सेना पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप प्रारम्भिक जांच में सही भी पाये गये हैं जिसके कारण उन्हें निलम्बित किया जा चुका है।
उन्होंने मुख्यमंत्री के संज्ञान में यह भी लाते हुए कहा कि अधिशासी अभियंता श्री अनुपम सक्सेना द्वारा पौडी जनपद से स्थानान्तरण के उपरान्त भी दो-तीन दिन तक देहरादून में बैठ कर प्रान्तीय खण्ड पौडी में कार्यरत ठेकेदारों के बिलों की सीसीएल बांटी गई जिसमें उनके साथ विभागीय कर्मचारी भी शामिल थे, जिसके लिए उनके द्वारा मोटी रकम ली गई जो कि जांच का विषय है। उन्हेांने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा भ्रष्टाचार में जीरो टाॅलिरेंस का बार-बार उल्लेख किया जाता है परन्तु अधिशासी अभियंता अनुपम सक्सेना द्वारा किये गये भ्रष्टाचार पर कार्रवाई में इतना लम्बा समय व्यतीत होना अपकी सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टाॅलिरेंस पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। इसी प्रकार अन्य जनपदों में भी अधिशासी अभियंताओं द्वारा देहरादून से सीसीएल जारी करने के नाम पर ठेकेदारों से सुविधाशुल्क वसूला जा रहा है।
श्री राजेन्द्र शाह ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि अधिशासी अभियंता अनुपम सक्सेना की नियुक्ति से लेकर उनके स्थानान्तरण तक प्रान्तीय खण्ड पौडी के माध्यम से कराये गये सभी कार्यों को जांच के दायरे में लाया जाय तथा स्थानान्तरण के उपरान्त उनके द्वारा बांटी गई सीसीएल तथा जिन कर्मचारियों की इसमें मिलीभगत थी उनकी भी जांच कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाय। उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासियों द्वारा भी इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग की जा रही है तथा यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कराई गई तो मुझे जनपद मुख्यालय में धरने पर बैठने को मजबूर होना पड़ेगा।
उन्होने मुख्यमंत्री के संज्ञान में देवप्रयाग-पौडी-बुवाखाल मार्ग का प्रकरण लाते हुए कहा कि इस मार्ग अभी तक स्कवर नहीं बनाये गये हैं जबकि विभागीय अधिकारियों का कथन है कि ह्रयूम पाईप के नाम पर भुगतान हो चुका है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने श्री शाह को आश्वासन दिया कि इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कर इस प्रकरण में संलिप्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।