रूद्रप्रयाग। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने केदारनाथ धाम में दो रात्रि प्रवास के पश्चात बर्फीले पैदल मार्ग की टैªकिंग करते हुए वापिस लौटे। धाम से वापिस आते समय पुनर्निर्माण कार्य मेे लीन मजदूरों के कार्यों का जायजा लिया। मन्दिर परिसर पर अवस्थित 03 भवन स्वामियों से फोन पर वार्ता करते हुए बताया कि पुनर्निर्माण कार्यों में उनकी लगभग 3 मीटर जमीन प्रयुक्त की जाएगी जिसके बदले उन्हें धाम में अन्यत्र भूमि दे दी जाएगी।
जिलाधिकारी ने भवन स्वामियों से दूरभाष पर वार्ता करते हुए कहा कि भूमि लेने से पूर्व समस्त प्रशासनिक कार्यवाही पूर्ण की जाएगी जिससे बाद में किसी प्रकार की समस्या न हो। जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि केदारनाथ में लगभग 80 मजदूर कार्य पर लगा दिये गये हैंए जो कार्य कर रहे हैं। केदारनाथ मंदिर एप्रोच मार्ग पर मजदूरों के द्वारा वर्तमान में खडण्जा लगाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है व मार्ग से बर्फ हटा दी गई है। पुनर्निर्माण कार्य करने वाले मजदूरों को जीएमवीएन के हटों में शिफ्ट करा दिया गया है तथा उन्हें 25 रूम हीटर उपलब्ध करा दिये गये हैं। साथ ही शीतलहर से बचने हेतु अलाव की व्यवस्था हेतु लकड़ियों का भी इंतजाम किया जाएगा। लिनचोली से बर्फ हटाने तथा पिघलने के कार्य में लगे मजदूरों को पर्याप्त मात्रा में तत्काल खाद्यान्न भी केदारनाथ पहुंचा दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया कि पुनर्निर्माण कार्य हेतु 12 राजस्थानी व 10 स्थानीय कारीगर भी 1 दिन के अन्दर केदारनाथ पहुंच जायेंगे जो केदारनाथ में पत्थरों को तराशने का कार्य करेंगे। इसके साथ ही लगभग 35 राजस्थानी कारीगर सोनप्रयाग में कार्य कर रहे हैं।
जिलाधिकारी के निर्देश पर उप जिलाधिकारी ऊखीमठ केदारनाथ धाम में ही कैम्प कर रहे हैं जो पुर्ननिर्माण कार्य में लगे कर्मचारियों एवं मजदूरों की जरूरतों को पूरा ध्यान में रखते हुए ठण्ड से बचने के लिये यथासंभव प्रयास करेंगेए पर्याप्त मात्रा मंे जैकेटए जूतेए मौजेए दस्तानेए बर्फ में कार्य करने वाले चश्मे इत्यादि आवश्यक सुविधायें उपलब्ध करायेंगें। इसके अतिरिक्त श्री केदारनाथ धाम में एनआईएम द्वारा तीर्थ पुरोहितों के घरों के अंदर का कार्य गतिमान हैए जो पूर्ण होने की अंतिम स्थिति में हैं। सरस्वती नदी पर बनाये जाने वाले घाट के निर्माण का कार्य कम तापमान के कारण आरसीसी प्लास्टर सेट न होने की दशा में फिलहाल स्थगित किया गया है। एनआईएम द्वारा केदारनाथ में पत्थरों को कूटने हेतु स्टोन के्रशर का कार्य गतिमान है। जिलाधिकारी द्वारा यह भी बताया गया कि प्रयास रहेगा कि माह अपै्रलए 2018 तक केदारनाथ धाम में पुर्ननिर्माण के कार्य पूर्ण करा लिय जांए। यदि शीतकाल में बर्फबारी तथा ठण्ड कम हो तो पुर्ननिर्माण के कार्य पूरे शीतकाल में भी चलते रहेंगे। इसके लिये कार्यरत कर्मचारियों एवं मजदूरो को सभी आवश्यक सुविधायें यथासंभव उपलब्ध करायी जायेंगी।
जिलाधिकारी द्वारा विद्युत विभाग को निर्देश दिये गये कि केदारनाथ में अत्यधिक बर्फबारी से विद्युत पोल तथा तारें क्षतिग्रस्त होने की दशा में तत्काल जेनरेटर से विद्युत की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएए जिससे निर्माण कार्य भी गतिमान रहें। साथ ही उरेडा एवं जल संस्थान के 2.2 कर्मचारी भी केदारनाथ धाम में नियमित रूप से तैनात कर दिये गये हैं। इसके साथ ही धाम में कार्यरत कर्मचारियों एवं मजदूरों को स्वास्थ्य सुविधाओं के दृष्टिगत एक डाक्टर एवं एक फार्मासिस्ट जीवनरक्षक दवाइयों सहित तत्काल केदारनाथ में तैनाती करने हेतु भी मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्राचार के माध्यम से निर्देशित किया गया है। इसके अलावा मजदूरों हेतु अन्य सुविधायें यथा नाईए मोचीए धोबी इत्यादि की व्यवस्था हेतु भी नोडल अधिकारी को निर्देश दिये गये हैं कि वे एनआईएम के साथ नियमित रूप से समन्वय स्थापित करते हुए पुर्ननिर्माण कार्यों हेतु मानीटरिग करते हुए अनुश्रवण करना सुनिश्चित करें। इस मौके पर उनके साथ उप जिलाधिकारी उखीमठ गोपाल सिंह चैहानए सहायक अभियंता लोनिवि हीरा सिंह नेगीए चैकी इंचार्ज केदारनाथ विपिन पाठक भी मौजूद थे।