जनपद आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की तैयारियों की DM ने की समीक्षा

देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। जिलाधिकारी/ रेस्पोन्सिबिल अधिकारी व अध्यक्ष जनपद डीडीएमए( जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण) एस.ए मुरूगेशन की अध्यक्षता में कलैक्टेªट सभागार में आगामी मानसून अवधि से पूर्व जनपद आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण देहरादून की तैयारियों के सम्बन्ध में जनपद के सभी अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में जनपद आईआरएस (इन्सिडेन्ट रेस्पाॅन्स सिस्टम) मैकेनिज्म को आगामी मानसून से पूर्व सक्रिय करने और उससे जुड़े सभी अधिकारियों को समय पूर्व अपने स्तर पर, अपने विभाग (निदेशालय) की मदद से किये जाने वाले कार्य तथा सभी को आपसी समन्वय से पहले से ही हर पहलु से तैयारी करने पर चर्चा की गयी ताकि मानसून सीजन में किसी भी तरह की आपात स्थिति आने पर तेजी से और कारगर तरीके से रेस्पान्स करते हुए आपदा की मार को न्यूनतम किया जा सके, इत्यादि बिन्दुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गयी। बैठकी की शुरूआत में जनपद आपदा प्रबन्धन अधिकारी दीपशिखा रावत ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से आईआरएस की सम्पूर्ण कार्यप्रणाली को विस्तारपूर्व बताया और आईआरएस से जुड़े हुए अधिकारियों की भूमिका को भी हाईलाईट किया। इसके अतिरिक्त जनपद में घटित पूर्व की आपदा को फोटोग्राफ्स के माध्यम से अवगत कराया, ताकि पिछली आपदा की प्रकृति से अनुभव लेकर भविष्य में अच्छा प्रबन्धन किया जा सके।
जिलाधिकारी ने इस दौरान कहा कि आईआरएस से जुडे़ सभी अधिकारी आपसी समन्वय मजबूत बनाये रखेंगे और एक टीम भावना की तरह से कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि निर्वाचन तथा अपातकालिन सिचुएशन के दौरान ‘अपना-पराया काम’ जैसा कोई विकल्प नही होता, किसी भी विभाग अथवा अधिकारी को किसी भी तरह की जिम्मेदारी का वहन करना पड़ सकता है। इसके लिए भी सभी मानसिक रूप से तैयार रहेंगे। उन्होंने कहा कि हमें आपदा प्रबन्धन  की तैयारी एक तो जनपद की आपदा की प्रकृति के अनुसार करनी होगी, दूसरी चूंकि देहरादून गढवाल और कुमाऊ के सभी जनपदों के लिए लाॅजिस्टिक तथा अन्य सभी प्रकार के सपोर्ट के लिए एक केन्द्र बिन्दु की तरह काम करता है। अतः सभी को अपनी तैयारी इसकी व्यापकता को देखते हुए करनी है। जिलाधिकारी ने सभी विभागों को आपदा के दौरान अपने कार्य की प्रकृति के अनुसार प्लान बनाने के निर्देश दिये। खाद्य आपूर्ति विभाग को लोगों को ईधन आपूर्ति, पेयजल, और फूड पैकेट वितरण, चिकित्सा विभाग को तत्काल मेडिकल सुविधा देने के लिए पर्याप्त चिकित्सक, दवायें, आवश्यक मेडिकल उपकरण के साथ ही आपदा की व्यापकता की स्थिति में सभी सरकारी, अद्र्व सरकारी अस्पताल, मेडिकल संस्थानों सहित प्राईवेट अस्पतालों में ईलाज के लिए प्राॅपर लाईजन बनाये रखने के निर्देश दिये। उन्होंने पशुपालन विभाग को भी पशुधन हानि अथवा किसी तरह की पशु बीमारी की स्थिति में अपनी पूरी तैयारी रखने, परिवहन विभाग को यातायात प्रबन्धन तथा तत्काल पर्याप्त वाहनों की उपलब्धता इत्यादि, विद्युत विभाग और बीएसएनएल को क्रमशः विद्युत व्यवस्था और कम्यूनिकेशन व्यवस्था तत्काल बहाल करने के वैकल्पिक उपायों सहित कार्य करने, मौसम विभाग को रैनगेज व अर्ली वार्निंग यन्त्र को सही हालात में बनाये रखने, और नगर निकायों (नगर निगम व नगर पालिका परिषद) को बरसात के दौरान अपने-अपने क्षेत्रों में सैनिटेशन की उत्तम व्यवस्था बनाये रखने के लिए सभी तरह की पहले  से ही तैयारी करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने जनपद स्तर से तहसील व ब्लाक स्तर तथा न्याय पंचायत से ग्राम पंचायत  स्तर तक सभी आईआरएस से जुड़ी टीमों को सक्रिय करने की अभी से तैयारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, लघु सिंचाई, जल संस्थान, पेयजल निगम, एनएच, एनएचएआई इत्यादि सभी विभागीय अधिकारियों को एकबार अपने-अपने क्षेत्र में विभिन्न साइट का निरीक्षण करने निर्देश देते हुए कहा कि एकबार देख लें कि कहीं पर  नदियों व नहरों के साथ ही जल स्त्रोतों से गाद, अनावश्यक मटेरियल की निकासी, पुल-पुलिया, सुरक्षा पुस्ता, दीवार निर्माण व सुरक्षित जल निकासी तथा हाइवे, सड़क मार्ग व सम्पर्क मार्ग पर अनावश्यक मटेरियल हटाने व सुधारीकरण कार्य करने इत्यादि में यदि कोई कार्य होना है तो तत्काल प्रारम्भ करें। उन्होंने विद्युत विभाग को नदी-नालों के मध्य जरूरी पोल शिफ्टिंग करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबन्धन के कार्यों में अकाउन्टिबिलिटी रखें। किसी भी प्रकार के आपदा फण्ड को उनके संज्ञान में लाने के पश्चात ही खर्च करें। साथ ही कहा कि पुनः एकबार ठीक से आईआरएस सिस्टम को समझ लें तथा दी गयी बुकलेट को अच्छे से समझ लें तथा देखें कि आपका विभाग तथा आपके पद का दायित्व किस तरह से आईआरएस में अपना अधिक उपयोगी रोल अदा कर सकता है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक / डिप्टी रेस्पोंन्सिबल अधिकारी डीडीएमए निवेदिता कुकरेती ने उपस्थित अधिकारियों को ब्रीफ करते हुए कहा कि पिछले अनुभव से सीख लें और अगर कहीं गैप रह गया था तो उसको समय रहते दूर कर लिया जाय, जिससे आगामी मानसून सीजन में आईआरएस सिस्टम बेहतर/कारगर तरीके से कार्य कर पाये। उन्होंने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस प्रशासन को आपसी समन्वय पर जोर देकर कार्य करने के निर्देश देते हुए कहा कि सुरक्षा बलों को खोज व बचाव अभियान के सभी उपकरणों को एक बार ठीक से जांच लेना चाहिए और देखना चाहिए कि उपकरण को होल्ड करने वाले कार्मिकों तथा रेस्क्यू टीम के सदस्यों को यदि किसी भी प्रकार की प्रशिक्षण की आवश्यकता महसूस होती है तो उसे समय पूर्व  सम्पादित कर लिया जाय। उन्होंने सभी को आईआरएस के विभिन्न प्रारूपों को ठीक से समझते हुए कार्य करने तथा आपसी तालमेल से आईआरएस को सशक्त बनाने की बात कही।
अपर जिलाधिकारी प्रशासन रामजी शरण शर्मा ने कहा कि आपदा की प्रकृति के अनुरूप रेस्पांस करना होगा। उन्होंने कहा कि वैसे तो पूरी आईआरएस एक टीम की तरह कार्य करेगी फिर भी जिस विभाग की प्रकृति के अनुरूप घटना घटित होती है तो आपदा प्रबन्धन में उस विभाग को एक तरह से लीडिंग पोजिशन की भूमिका अदा करनी होगी।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व बीर सिंह बुदियाल, मुख्य कोषाधिकारी नरेन्द्र सिंह, जनपद के समस्त उप जिलाधिकारी, लो.नि.वि, जल संस्थान, विद्युत, पेयजल निगम, सिंचाई, लघु सिंचाई, एनएच, एनएचएआई, पीएमजीएसवाई इत्यादि के अधिशासी अभियन्ता सहित कृषि, मौसम विभाग, शिक्षा, चिकित्सा, नगर निगम, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीएसएनएल, सांिख्यकी विभाग, खाद्य, वन, पशुपालन, परिवहन विभाग, राजस्व विभाग सहित जनपद के अन्य सभी विभागों के अधिकारी व कार्मिक उपस्थित थे।

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