देहरादून, (गढ़वाल का विकास न्यूज)। जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कैम्प कार्यालय में जिला गंगा सुरक्षा समिति देहरादून से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गयी, जिसमें उन्होंने वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से गंगा सुरक्षा के विभिन्न कार्यों से जुड़े विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। साथ ही निर्माण कार्यों के सम्बन्ध में विगत बैठक में दिये गये निर्देशों के क्रम में की गयी प्रगति का विवरण भी प्राप्त किया।
जिलाधिकारी ने निर्माण अनुरक्षण इकाई (गंगा) उत्तराखण्ड पेयजल निगम ऋषिकेश को विभिन्न स्थानों पर आई.एन्ड.डी एवं 26 एम.एल.डी एसटीपी और सीवर लाईन विछाने से जुड़े सभी कार्यों की प्र्रगति तेजी से बढाने के लिए श्रमिकों की पर्याप्त व्यवस्था करते हुए इस सम्बन्ध में अगली बैठक में प्रगति विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने उत्तराखण्ड जल संस्थान अनुरक्षण शाखा गंगा सब-डिवीजन ऋषिकेश को भवन/परिसरों को सीवर संयोजन से जोड़ने तथा होटल, धर्मशाला, आश्रम के अनुसार सीवर संयोजन का डाटाबेस अद्यतन करने और शहर में सेप्टिक टैंक से सजल निस्तारण हेतु 15 दिवस के भीतर ठेकेदारों से निविदा आमंत्रित करते हुए कार्य करवाने के निर्देश दिये। उत्तराखण्ड पेयजल निगम देहरादून द्वारा शहर हेतु पूर्व में निर्मित सीवरेज योजनाओं का उत्तराखण्ड जल संस्थान को स्थानान्तरण करने की कार्यवाही पूर्ण करने और इस सम्बन्ध में उत्तराखण्ड जल संस्थान और पेयजल निगम सीवरेज निर्माण कार्यों का संयुक्त निरीक्षण करते हुए स्थानान्तरण की कार्यवाही तेजी पूर्ण को निर्देशित किया।
जिलाधिकारी ने नगर निगम ऋषिकेश को ठोस अपशिष्ट सुरक्षित निपटान जिसके तहत् डोर-टू-डोर कूड़ा कलक्शन, अतिरिक्त सफाई कार्मिकों को आउटसोर्स से तैनात करने,वार्ड में मौहल्ला स्वच्छता समितियों के गठन, चिन्हित बल्क जनरेटर (बड़े होटल्स, धर्मशाला इत्यादि)से प्रतिमाह यूजर चार्जेज में वृद्धि करने, टेªंचिंग ग्राउण्ड व सफाई व्यवस्था में लगे प्रत्येक कर्मचारी द्वारा सुरक्षा किट के माध्यम से सफाई करवाने सार्वजनिक शौचालयों की साफ-सफाई में बेहतर सुधार करने तथा उप जिलाधिकारी ऋषिकेश के समन्वय से रम्भा नदी एवं शहर के अन्य हिस्सों से अतिक्रमण को चिन्हित करने और उसे हटाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने नगर आयुक्त ऋषिकेश को विभिन्न वार्डों में स्वच्छता और सेनिटेशन के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा लाने के लिए बेहतर सफाई कार्य करने वाले वार्डों को पुरस्कृत करने की प्रक्रिया भी प्रारम्भ करने के निर्देश दिये। इसके अतिरिक्त उन्होंने नगर निगम ऋषिकेश को घाटों के सौन्दर्यीकरण के लिए विभिन्न व्यावसायिक संस्थानों से सीएसआर( कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिल्टी) फण्ड के लिए जरूरी पहल करने तथा स्वच्छता एप्प पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का प्राथमिकता से निस्तारण करने के निर्देश दिये। उन्होंने नगर निगम को यह भी निर्देश दिये कि डोर-टू-डोर उठने वाला कूड़ा उसके डिस्पोजल प्वांईट तक अनिवार्य रूप से सेग्रीगेट (पृथक-पृथक) तरीके से अनिवार्य रूप से शत्प्रतिशत् निस्तारण होना चाहिए। इसके साथ ही निगम क्षेत्रान्तर्गत नियमित दवाई व ब्लीचिंग का छिड़काव करते रहने और डेंगू के उन्मूलन के लिए दिन के समय तथा मलेरिया के उन्मूलन के लिए रात्रि में बीच-बीच में फाॅगिंग करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने सिंचाई खण्ड देहरादून को गगां नदी के दायें तट पर बाढ मैदान परिक्षेत्रण कार्य की प्रगति तेजी से बढाने के निर्देश दिये तथा लक्कड़घाट सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के साथ ही अन्य सीवरेज ट्रीटमेंट जल को कमर्शियल तरीके से सिंचाई के लिए उपयोग में लाने के सम्ब्न्ध में होमवर्क करने के निर्देश दिये जिससे विभाग के राजस्व में भी वृद्धि हो सके। उन्होंने उत्तराखण्ड प्रदूषण बोर्ड से प्रदूषण के नियमों की अहवेलना करने वाले संस्थानों/मैसर्स पर की गयी कार्रवाई का विवरण प्राप्त करते हुए निर्देशित किया कि ऋषिकेश, मसूरी व अन्य स्थानों पर पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन करने वाले ऐसे सभी संस्थानों पर ठोस कार्रवाई करते हुए अगली बैठक में कृत कार्यवाही से अवगत कराने के निर्देश दिये।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी राजीव धीमान, जिला विकास अधिकारी प्रदीप पाण्डेय तथा उत्तराखण्ड पेयजल निगम दून डिवीजन, उत्तराखण्ड जल संस्थान देहरादून व सिंचाई खण्ड देहरादून के अधिशासी अभियन्ता, उत्तराखण्ड प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी, उपस्थित थे तथा ऋषिकेश वीडियो कान्फ्रसिंग के माध्यम से उप जिलाधिकारी ऋषिकेश, नगर आयुक्त नगर निगम ऋषिकेश, परियोजना प्रबन्धक पेयजल निगम ऋषिकेश व उत्तराखण्ड जल संस्थान सब डिवीजन ऋषिकेश आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।