देहरादून। स्थानांतरण एक्ट लागू होने के बाद कुछ विभागों में आ रही व्यावहारिक कठिनाइयों को देखते हुए शासन ने एक्ट के कुछ बिंदुओं में संशोधन करते हुए इसमें छूट का प्राविधान कर दिया है। इसमें जरूरी स्थानांतरण के दायरे में आने वाले कार्मिकों की अधिकतम सीमा को दस प्रतिशत निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त एक्ट के किसी प्राविधान में कार्यहित में कोई परिवर्तन किया जाना हो तो ऐसे मामलों को मुख्यसचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी के माध्यम से ही उसमें संशोधन कराया जा सकेगा। विगत दिनों प्रदेश में सभी विभागों के लिए स्थानांतरण एक्ट लागू किया गया था। जिसके तहत सुगम में लंबे समय से जमे कार्मिकों को अनिवार्य रूप से दुर्गम और दुर्गम में तैनात कार्मिकों को सुगम में स्थानांतरण किया जाना था। प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार सुगम-दुर्गम को लेकर विभागवार अलग-अलग परिभाषा हैं। ऐसे में कई विभागों में एक्ट की बाध्यता के चलते अत्यधिक कार्मिक स्थानांतरण की चपेट में आ रहे थे, जिससे कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना लाजिमी था। इसको देखते हुए कार्यहित में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने ए्क्ट के कुछ प्राविधानों में संशोधन कर दिया है। मुख्य सचिव की ओर से सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव विभागाध्यक्ष, आयुक्त व सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके तहत स्थानांतरण की अधिकतम सीमा में छूट का प्राविधान करते हुए स्थानांतरण की यह सीमा 10 प्रतिशत तक सीमित कर दी है। यही नहीं एक्ट के किसी प्राविधान से कोई समस्या पैदा हो रही हो तो कार्यहित में उसमें परिवर्तन अपेक्षित हो तो ऐसे मामले में विभाग अपने स्तर से निर्णय न लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत करेंगे।