पर्वतीय क्षेत्रों में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को किया जाय प्रोत्साहित
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कारगर प्रयासों की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण आर्थिकी की मजबूती तथा महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन महत्वपूर्ण कारक बन सकते हैं। उन्होंने इस दिशा में समेकित प्रयासों की भी जरूरत बतायी है।
मंगलवार को देर सांय मुख्यमंत्री आवास में दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना के तहत इस वित्तीय वर्ष में 10 करोड़ रूपये की धनराशि प्रदान की जा चुकी है। दुग्ध वितरण व्यवस्था को मजबूत आधार प्रदान करने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों में इसकी आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने के भी प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कहा कि दुग्ध व दुग्ध से सम्बन्धित उत्पादों में मिलावट न हो इसके लिए खाद्य सुरक्षा विभाग से सघनता से जाँच कराई जाए। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाय। किसानों का समूह बनाकर उनको फैसिलिटेट करने की दिशा में भी पहल किये जाने की बात उन्होंने कही।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने दुग्ध उत्पादन तथा खपत की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देश दिये कि इस दिशा में सहकारिता को भी सहयोगी बनाना होगा। यदि दुग्ध उत्पादन तथा सहकारिता के क्षेत्र में राज्य का बेहतर प्रदर्शन होगा, तो इसके लिए राष्ट्रीय डेरी फेडरेशन से भी आर्थिक सहयोग प्राप्त होने में भी मदद मिलेगी।
सचिव दुग्ध विकास श्री आर.मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि योजना प्रारम्भ के समय लगभग 50 हजार दुग्ध उत्पादकों के माध्यम से प्रतिदिन 141731 लीटर दुग्ध प्रतिदिन उपार्जित किया जा रहा था। अब लगभग 52 हजार दुग्ध उत्पादकों के माध्यम से 191878 लीटर दुग्ध उपार्जित किया जा रहा है। इससे दुग्ध उत्पादन में 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इस अवसर पर सहकारिता राज्य मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर सचिव डाॅ.मेहरबान सिंह बिष्ट, निदेशक डेरी श्री प्रकाश चन्द्र आर्य, महाप्रबंधक नाबार्ड श्री ए.के. श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।