काशीपुर/देहरादून। उपभोक्ता फोरम के आदेश पर इंश्योरेन्स कम्पनी ने दुर्घटना बीमा धारक की हत्या से मृत्यु होने के बीमा क्लेम का निस्तारण करके मृतक की पत्नि को पांच लाख 8 हजार का भुगतान कर दिया। जिला उपभोक्ता फोरम उधमसिंह नगर ने जीवन बीमा क्लेम का निस्तारण रेगुलेशन में निर्धारित 30 दिन की अवधि में न करना उपभोक्ता सेवा में कमी मानते हुये क्लेम का निस्तारण दो माह में करने तथा उपभोक्ता को मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया था।
काशीपुर के ग्राम इस्लामनगर बसई निवासी नफीसा बेगम की ओर से अधिवक्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट के माध्यम से जिला उपभोक्ता फोरम में उपभोक्ता परिवाद दायर किया करके कहा था कि परिवादिनी के पति मंजूर हसन ने गोल्डन ट्रस्ट फाइनेंशियल सर्विसेज को 2570/त्र का भुगतान करके नेशनल इश्योरेंस कं0 लि0 की एक गु्रप जनता पर्सनल एक्सीडेन्ट इश्योरेन्स पॉलिसी करायी थी जिसमें वीमित राशि 6 लाख अथा अवधि 31-03-2003 से 15 वर्ष 30-03-2018 तक थी। परिवादिनी इस पॉलिसी में नामिनी थी। इस पॉलिसी की अवधि में 14-10-2005 को उसके पति मंजूर हसन की दुर्घटना में मृत्यु (हत्या) हो गयी जिसका दावा जी टी एफ के प्रस्तुत किया गया लेकिन जी.टी.एफ तथा नैशनल इश्योरेंस कं0लि0 ने अभी तक कोई भुगतान नहीं किया और न ही इस सम्बन्ध में कोई सूचना दी गयी।
जिला उपभोक्ता फोरम उधमसिंह नगर के तत्कालीन अध्यक्ष हेतराम तथा सदस्या नरेश कुमारी छाबड़ा ने परिवादिनी के अधिवक्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट द्वारा प्रस्तुत किये गये साक्ष्यों तथा राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग तथा सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के अध्ययन के बाद निर्णय दिया कि विपक्षी जी.टी.एफ तथा बीमा कम्पनी ने उपभोक्ता सेवा में कमी की है तथा इसके लिये परिवादिनी मुआवजा पाने की अधिकारी है।
उपभोक्ता फोरम ने निर्णय में स्पष्ट किया कि इश्योरेंस रेगुलेटरी एण्ड डेवलपमेन्ट अथोरिटी रेगुलेशन 2002 के नियम 8 में यह व्यवस्था है कि जीवन बीमा के सभी क्लेम बिना किसी विलम्ब के प्रेषित किये जायंेगे और बीमा धन समस्त दस्तावेज प्राप्त होने के 30 दिन के अन्दर दिया जायेगा लेकिन जहां पर किसी बीमा दावे में अन्वेेषण किया जाना है तो इसका निस्तारण अधिकतम 6 माह की अवधि में पूर्ण कर लिया जाये। विपक्षी ने निर्धारित अवधि में बीमे दावा का अन्तिम रूप से निस्तारण न करके सेवा में कमी है। जिसके लिये वह जिम्मेदार है।
फोरम ने परिवादिनी का परिवाद स्वीकार करते हुुये आदेश दिया कि निर्णय की तिथि से दो माह के अन्दर बीमा दावे को आवश्यक रूप से निस्तारित कर दे साथ ही मानसिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति के पांच हजार रूपये तथा वाद व्यय दो हजार रूपये भी अदा करें।
फोरम के आदेश का पालन न करने पर परिवादिनी के अधिवक्ता नदीम उद्दीन ने आदेश का पालन कराने तथा जानबूझकर फोरम के आदेश का पालन न करने पर धारा 27 के अन्तर्गत तीन साल तक की सजा दिलाने हेतु प्रार्थनापत्र दायर किया जिस पर उपभोक्ता फोरम द्वारा नोटिस जारी करने पर बीमा कम्पनी ने बीमा क्लेम का निस्तारण करके रू. पांच लाख तथा मुआवजा तथा वाद व्यय रू. सात हजार कुल पांच लाख सात हजार की धनराशि फोरम में जमा करा दी। जिला उपभोक्ता फोरम की प्रभारी अघ्यक्ष श्रीमति नरेश कुमारी छाबड़ा तथा सदस्य शबाहत हुसैन खान ने परिवादिनी श्रीमति नफीसा बेगम को रू.1555 के ब्याज सहित रू. पाच लाख आठ हजार पांच सौ पचपन का भुगतान चैक सं. 766682 से कर दिया।