देहरादून। ‘‘बाल संरक्षण से सम्बन्धित कार्य फाईलों की खानापूर्ति न बनकर, वास्तविक रूप से धरातल पर दिखने चाहिए, इसके लिए सभी को मिलजुलकर कार्य करने की आवश्यकता है’’ यह बात माननीय उत्तराखण्ड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती उषा नेगी द्वारा विकासभवन सभागार में आयोजित बाल संरक्षण सम्बन्धित अनुश्रवण माॅनिटिरिंग बैठक में कही। बैठक में विभिन्न विभागों एवं सामाजिक संगठनों से सुझाव भी प्राप्त किये गये।
उन्होने सम्बन्धित विभागों सें विभागवार बाल संरक्षण के क्षेत्र में किये गये कार्यों की जानकारी प्राप्त की गयी। उन्होने कई विभागों द्वारा उनके विभाग में संचालित हो रही योजनाओं का लाभ, कितने लाभार्थियों को दिया गया सम्बन्धी जानकारी, संतोषजन आंकड़े प्रस्तुत न करने तथा बिना तैयारी के बैठक में प्रतिभाग करने पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए निर्देश दिये कि सम्बन्धित विभागीय अधिकारी भविष्य में आयोजित होने वाली बैठक में अपने विभाग में संचालित हो रही योजनाओं के सम्बन्ध में पूर्ण वास्तविक आंकडो के साथ प्रतिभाग करें। उन्होने कहा कि प्रत्येक माह बाल संरक्षण अनुश्रवण माॅनिटिरिंग बैठक आयोजित की जायेगी, जिसमें प्रत्येक माहवार सम्बन्धित विभागों द्वारा किये गये कार्यों की समीक्षा की जायेगी।
उन्होने शिक्षा विभाग से आरटीई (शिक्षा का अधिकार) के तहत हो रहे एडमिशन पर कहा इसमें पात्र व्यक्तियों का लाभ न मिलकर अन्य लोग इसका फायदा उठाने सम्बन्धी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं जिस पर उन्होने नाराजगी जाहिर करते हुए विभाग को फिजिकल वेरिफिकेशन करने तथा पात्रों को ही एडमिशन देने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि पात्र बच्चों के अधिकारों का हनन बर्दाश्त नही किया जायेगा। सिफारिस के आधार पर एडमिशन स्वीकार्य नही किये जायेंगे। उन्होने बेसिक शिक्षा अधिकारी को जनपद में आरटीई के तहत हुए एडमिशन की सूची आयोग को तीन दिन के भीतर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होने आरटीई के तहत एडमिशन प्राप्त करने वाले बच्चों की फीस एवं उन्हे दिये जाने वाले मिड-डे मील के सम्बन्ध में भी जानकारी चाही गयी जिस पर सम्बन्धित अधिकारी ने अवगत कराया कि बच्चों की फीस स्कूल प्रबन्धन के खाते में तथा मिड-डे मील की धनराशि सम्बन्धित छात्र/छात्रा के अभिभावक के खाते में जाती है। उन्होने माध्यमिक शिक्षा अधिकारी से विद्यालयों में अध्ययनरत् दिव्यांग बच्चों तथा स्कूलों दिव्यांग बच्चों के लिए अलग से शिक्षक के सम्बन्ध में जानकारी चाही गयी, जिस पर सम्बन्धित अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में कक्षा 9 से 12 तक कुल 75 दिव्यांग बच्चे अध्ययनरत् है, दिव्यांग बच्चों के लिए अलग से शिक्षक न होने सम्बन्धी बात कही, जिस पर मा0 अध्यक्ष ने कहा कि दिव्यांग बच्चों हेतु विशेष शिक्षक का प्राविधान है, उन्होने विभाग द्वारा विशेष शिक्षक हेतु जो प्रस्ताव राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकरी को भेजा गया है कि की प्रति आयोग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होने स्वास्थ्य विभाग से बच्चों के परीक्षण एवं टीकाकरण की जानकारी चाही गयी जिस पर विभाग द्वारा अवगत कराया कि विद्यालयों में वर्ष में दो बार स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता हैै, जिस पर उन्होने समय-समय पर परीक्षण कराने तथा बैठक में आंकड़ो सहित उपस्थित रहने के निर्देश दिये।
उन्होने श्रम विभाग बालश्रम की शिकायतों पर पुलिस विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए तत्काल कार्यवाही करने तथा विभिन्न संस्थानों, होटलों, ढाबों में अपने स्तर से छापामारी की जाये और बालश्रम रोकने हेतु किसी के दबाव में न आते हुए प्रभावी कदम उठाने एवं प्रकरण सामने आते ही प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिये। उन्होने समाज कल्याण, बाल विकास एवं सम्बन्धित विभागों में संचालित हो रही योजनाओं की भी जानकारी प्राप्त की।
बैठक में एंग्लो इण्डियन विधायक जीआईजी मैन ने कहा कि हम सभी को गरीब बच्चों के संरक्षण हेतु मिलजुलकर कार्य करने की आवश्यकता है यदि कोई बच्चा भीख मांग रहा है तो उसका कोई-न-कोई कारण होगा, हमें कारणों की जड़ में जाकर उसे समाप्त करना होगा। उन्होने कहा कि हमें यह भी देखना होगा कि स्कूलों में मूलभूत सुविधा है की नही उस ध्यान देने की आवश्यकता है, जिन बच्चों को शिक्षा की आवश्यकता है उन ध्यान दिया जाय। उन्होने कहा कि दिव्यांग बच्चों का प्रतिभा पहचान कर उन्हे उचित मंच प्रदान किया जाये, जिससे उनकी छुपी प्रतिभा को बाहर लाया जाय। उन्होने भिक्षावृत्ति एवं नशा प्रवृत्ति रोकने के लिए एक यूनिट की तरह कार्य करने की बात कही।
बैठक में बाल संरक्षण आयोग के सदस्य शैलेन्द्र शेखर करगेती, शारदा त्रिपाटी, सीमा डोरा, पुलिस उपाधीक्षक विकासनगर पंकज गैरोला, अनुसचिव कामिनी गुप्ता, परियोजना अधिकारी डीआरडीए श्री सेमवाल, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक वाई.एस चैहान, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक हेमलता भट्, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी एंव विभिन्न संस्थाओं के सदस्य उपस्थित थे।