अल्मोड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पंचेश्वर बांध बनाने पर तुली त्रिवेंद्र सरकार को इसके लिए पहले स्पष्ट नीति का खुलासा करना चाहिए। ताकि इसके बनने के पहले ही उजड़ रहे लोगों को बसाया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि रोजगार सृजन में त्रिवेन्द्र सरकार नाकाम रही है। यह सरकार कोई रोजगार सृजन नहीं कर पाई। यहां तक कि जो प्रक्रिया उन्होंने शुरू की थी, उसे भी राकने का काम इस सरकार ने किया है।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि नेपाल सीमा में बनाए जा रहे पंचेश्वर बांध से यहां की संस्कृति को खतरा बन गया है। वह अब तक यह समझ नहीं पा रहे कि सरकार इसके निर्माण की स्पष्ट नीति क्यों नहीं बता रही। इसके बनने से विस्थापित होने वाले हजारों परिवारों के पुनर्वास के लिए सरकार ने क्या योजना बनाई है, सरकार को इस बात का खुालासा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में 30 हजार से अधिक को रोजगार देने की प्रक्रिया शुरू करते हुए 18 हजार लोगों को रोजगार दिया गया था जबकि 12 हजार पदों के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई थी लेकिन वर्तमान प्रदेश सरकार रिक्त पदों को ही शून्य बताने में जुटी है। रावत कहा कि रसोई गैस सहित पेट्रोल व डीजल के दाम आये दिन बढ़ने से गरीब जनता व किसान परेशान है जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में काफी कमी आई है। पहले जहां कुछ वर्ष पहले 151 डालर प्रति बैरल कच्चा तेल मिलता था। अब इसकी कीमत मात्र 41 डालर प्रति बैरल हो गई है। उज्जवला योजना में केंद्र सरकार की तरफ से गरीब परिवारों को बांटे जा रहे रसोई गैस कनेक्शन में जहां 18 सौ रुपये सब्सिडी मिल रही है। वहीं सरकार 28 सौ रुपये की वसूली कर रही है।