देहरादून। पत्नी की हत्या कर 72 टुकड़े करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी को कोर्ट ने न केवल आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 15 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया है।
दिल दहला देने वाली यह घटना देहरादून के कैंट कोतवाली क्षेत्र के प्रकाशनगर (गोविंदगढ़) में 12 दिसंबर 2010 को सामने आई थी। यहां मित्तल अपार्टमेंट के फ्लैट में पत्नी और दो बच्चों संग रह रहे सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी (38) ने 17 अक्तूबर 2010 को पत्नी अनुपमा (37) की हत्या कर दी। इसके बाद राजेश ने शव के 72 टुकड़े कर डीप फ्रीजर में डाल दिए और उन्हें एक एक कर ठिकाने लगाने लगा था।
शुक्रवार को सुबह कोर्ट में राजेश गुलाटी की मौजूदगी में दोनों पक्षों के वकीलों ने सजा पर अपनी दलीलें दी। बचाव पक्ष ने जहां कम से कम सजा की मांग की। वहीं सरकारी वकील ने फांसी की सजा की मांग करते हुए अपनी दलीलें पेश की। कोर्ट ने दोपहर ढाई फैसला सुनाया। कोर्ट ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 15 लाख जुर्माना भी लगाया।
12 दिसंबर 2010 से जेल में बंद है राजेश गुलाटी
पुलिस ने 12 दिसंबर, 2010 को ही आरोपी राजेश गुलाटी को गिरफ्तार कर लिया था, तब से वह जेल में बंद है। इस हत्याकांड में करीब सात साल के ट्रायल के बाद गुरुवार को पंचम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार की अदालत ने राजेश गुलाटी को दोषी करार दिया था।